
-नौकरी, बिजनेस करनेवाले युवक-युवती का एक पृथ्वी -एक कुटुम्ब -एक भविष्य के संदेश के साथ है बुलंद हौसला
सूरत। भारत इस वर्ष जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। भारत की इस वसुधैव कुटुम्बकम की सोच से प्रभावित सूरत के 6 युवक-युवतियों ने साइकिल से 550 किलोमीटर की यात्रा कर 17982 फीट ऊंचाई को सर करने में सफलता प्राप्त की है। इस ऊंचाई पर केसरिया ध्वज फहराकर सनातन धर्म परंपरा का संदेश भी दिया।

सूरत के अलग-अलग व्यवसायों और कामों से जुड़े युवक-युवतियों ने देश की सनातन धर्म परंपरा और वैश्विक बंधुत्व की सोच को प्रचारित करने के लिए अनूठा बीड़ा उठाया। इन्होंने मनाली टू खारदुंगला के छह पास साइकिल चला कर क्लियर किए। इतनी ऊँचाई के ऊपर जाने के बाद ऑक्सीजन की मात्रा 50 पर्सेंट से भी कम हो जाती है, तो शरीर में ऑक्सिजन की मात्रा 65-70 रहती थी। चार पाँच दिन में सिर्फ़ एक बार नहाने की व्यवस्था उपलब्ध होती थी।
टेम्प्रेचर माइनस 15 से लेकर 20 तक रहता था, लेकिन बुलंद हौसलों के साथ इरादों में दम था जिससे कुदरत के साथ इन्हें रहने का मौका मिला जो आध्यात्मिक सफ़र की अनुभूति कराता रहा। सूरत के अलग अलग व्यवसाय क्षेत्र से जुड़े हुए यह छह लोगों ने खारदुंगला एचीव किया है। इनमें आर्किटेक्ट प्रसाद रावतोले, सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ लक्ष्मण टहेलयानी, सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रफुल्ल झा, यूनियन बैंक की असिस्टेंट मैनेजर मनीषा सिंह, क्षेत्रीय पीएफ कमिश्नर (सेकंड) प्रियांशु सिंह, ब्रेडलाइनर ब्रांड के व्यवसायी नितिन पटेल शामिल थे।
अटल टनल से गुजरे
टीम सदस्यों के लिए सबसे रोमांचक क्षण अटल टनल से उनका गुजरना रहा। व्यवसायी नितिन पटेल बताते हैं कि इससे पूर्व किसी भी साइक्लिस्ट को अटल टनल से जाने की मंजूरी नहीं मिली थी। प्रशासन ने उन्हें अटल टनल से गुजरने का अवसर प्रदान किया जिससे हमारी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इस दौरान अटल टनल के रूप में देश की प्रगति और प्रौद्योगिकी देखकर हम दंग रह गए, सचमुच यह टनल देशवासियों के लिए गर्व करने का विषय है।
रास्ते में मिले यह पड़ाव
रोहतांग पास – 13050 फीट, नकीला पास – 15547 फीट, बारालाचला पास – 15910 फीट, लाचुंगला पास – 16616 फीट, टाँगलागला पास – 17480 फीट, खारदुंगला पास – 17982 फीट।