सूरत की साड़ी पर इस राज्य ने लगाई रोक, यह फिल्मी दुनिया की है खास पसंद
सूरत की Mekhela Chador Saree पर असम ने क्यों लगाई रोक ?

सूरत।असम सरकार ने सूरत में बनने वाली और असम में बिकने वाली मेखला चादर नाम की साड़ी पर प्रतिबंध लगा दिया है, ऐसे में सूरत के व्यापारियों और निर्माताओं की हालत खराब हो गई है। मेखला चादर साड़ी शुद्ध रेशम से बनी होने के कारण इसकी कीमत 8 हजार से 10 हजार रुपये तक है, जबकि सूरत में पॉलिएस्टर की यह साड़ी ग्राहकों को 700 से 800 रुपये में उपलब्ध थी।

सूरत के व्यापारियों ने फैसले का विरोध किया
सूरत से हर महीने 500 करोड़ रुपये की साड़ियां असम भेजी जाती थीं। इससे सूरत के विवर को भी अच्छा व्यापार हो रहा था। असम हथकरघा बोर्ड के हस्तक्षेप से असम सरकार ने 1 मार्च को आसामी सिल्क पॉलिएस्टर संस्करण पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह सुझाव दिया गया था कि आसामी पॉलिएस्टर साड़ियों के पॉलिएस्टर संस्करण से स्थानीय हथकरघा उद्योगों को भारी नुकसान होगा।
सूरत के बुनकर चिंतित
सूरत शहर में 250 बुनकर रेपियर जेकक्वार्ड पर और एक हजार बुनकर पावरलूम पर कपड़ा तैयार कर रहे थे। लेकिन स्थानीय सरकार ने सूरत में तैयार होकर असम जाने वाली इस आसामी सिल्क साड़ी के पॉलिएस्टर संस्करण पर प्रतिबंध लगा दिया है, सूरत के बुनकरों की चिंता बढ़ गई है। अब देखना यह है कि बुनकर इस समस्या का समाधान कैसे करते हैं।

बिहू पर्व पर इसकी विशेष मांग
आगामी 14 तारीख को बिहू पर्व पर इसकी विशेष मांग है, जिसमें व्यापारियों को एक हजार करोड़ के नुकसान की आशंका है। हालांकि इसे हैंडलूम से 7 से 30 हजार रुपए में बेचा जाता है। सूरत का यह कपड़ा जब 250 से 300 रुपये में बिकता है तो इस फैसले से असम के व्यापारियों के साथ-साथ दुकानदारों और आम लोगों को भी परेशानी होगी।
क्यों खास है यह साड़ी

इस पारंपरिक साड़ी को विशेषकर रेशमी धागों से जाना जाता है, हालांकि कभी कभी हमे यह साड़ी कपास के धागों से बुनी हुई भी मिल सकती है, तो कभी कभी इसे कृत्रिम रेशों से भी बुना जाता है। इस साड़ी पर बनी हुई विशेष आकृतियाँ (डिज़ाइन्स) को केवल पारंपरिक तरीक़ों से ही बुना जाता है, तो कभी कभी मेखला और चादर के छोर पर सिला जाता है। इस पूरी साड़ी के तीन अलग अलग हिस्से होते हैं, ऊपरी हिस्से के पहनावे को चादर और निचले हिस्से के पहनावे को मेखला कहते हैं। “मेखला” को कमर के चारों ओर लपेटा जाता है। “चादर” की लंबाई पारंपरिक रोज़मर्रा में पहने जाने वाली साड़ी की तुलना में कम ही होती है।

कैसे पहना जाता है यह मेखला चादर साड़ी
चादर साड़ी के पल्लू की तरह ही होती है, जिसे मेखला के अगल-बगल में लपेटा जाता है। इस २- पीस साड़ी को एक ब्लाउज़ के साथ पहना जाता है। एक विशेष तथ्य यह भी है, कि मेखला को कमर पर लपेटते वक़्त उसे बहुत से चुन्नटों (प्लीट्स) में सहेजा जाता है और कमर में खोंस लिया जाता है। परंतु, पारंपरिक साड़ी पहनने के तरीक़े के विपरीत, जिसमें चुन्नटों को बाएँ ओर सहेजा जाता है, मेखला की चुन्नटों को दायीं ओर सहेजा जाता है।

फिल्मी दुनिया भी पसंद करती है यह साड़ी
फिल्मी दुनिया की अभिनेत्रियों को भी यह साड़ियां बहुत पसंद हैं।कई मशहूर अभिनेत्री इस साड़ियों के साथ अक्सर देखी जा सकती हैं। फैशन शो हो या पार्टी उसमे यह साड़ी सेलिब्रिटी की खास पसंद रही है।