सूरत के वडोद में कन्याओं के लिए बनेगा गुरुकुल
शिक्षक, प्राचार्य, प्रशासनिक और शैक्षणिक कर्मचारी सभी होंगी महिलाएं

-शिक्षक, प्राचार्य, प्रशासनिक और शैक्षणिक कर्मचारी सभी होंगी महिलाएं
–तीन चरणों में करीब 2500 छात्राओं को पढ़ाई, छात्रावास, भोजन की अद्यतन सुविधाएं मिलेंगी
-22 को मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल करेंगे गुरुकुल का भूमिपूजन
सूरत। आमतौर पर श्री स्वामीनारायण गुरुकुल में सिर्फ छात्र ही पढ़ते हैं, लेकिन अब पहली बार सूरत में कन्याओं के लिए गुरुकुल बनाया जाएगा। स्वामीनारायण संप्रदाय की ओर से आउटर रिंग रोड से दो किमी की दूरी पर सूरत जिले के ओलपाड तहसील के वडोद गांव में कन्याओं के लिए एक विशेष गुरुकुल बनाया जाएगा, जिसमें तीन चरणों में 2500 कन्याएं पढ़ाई कर सकेंगी। गुरुकुल में छात्रावास, आवास, भोजन की उन्नत सुविधाएं मिलेंगी। 22 अप्रैल को मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल इस कन्या गुरुकुल का भूमिपूजन करेंगे।

गुरुकुल जून 2024 से कार्यरत हो जाएगा। इसमें नई एजुकेशन पॉलिसी लागू की जाएगी। साथ ही भारतीय संस्कृति के अनुरूप संस्कार के साथ शिक्षा दी जाएगी। कक्षा 6 से 12 तक छात्राओं को पढ़ाई के साथ भोजन-हॉस्टल की सुविधा दी जाएगी। वहीं कक्षा 1 से 5 तक की छात्राओं के लिए अपडाउन की व्यवस्था रहेगी। धर्म या जाति भेद के बिना इसमें देश-विदेश में बसे लोग अपनी संतानों का यहां नामांकन करा सकेंगे। सूरत के प्रसिद्ध उद्योगपति सहजानंद टेक्नोलॉजीज के अध्यक्ष धीरजलाल कोटडिया ने कन्याओं के लिए एक अद्वितीय गुरुकुल के विचार को मूर्त रूप देने के लिए भूमि दान की है। इसे 120 से 150 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाया जाएगा।

प्रमुख दानदाताओं में धर्मनंदन डायमंड, सूरत के लालजीभाई पटेल और सूरत, अफ्रीका में संचालित श्रीहरि समूह के राकेशभाई दुधात भी शामिल हैं। तीनों दानकर्ता स्वामीनारायण गुरुकुल-राजकोट के पूर्व छात्र हैं। पहले चरण में इस गुरुकुल में करीब 600 कन्याओं को रहने और पढ़ने की व्यवस्था की जाएगी। दूसरे चरण में 1200 और तीसरे चरण में कुल 2000 से 2500 कन्याओं को पढ़ाई और रहने की बेहतरीन और उन्नत सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

इस गुरुकुल का संचालन महिलाएं करेंगी। सफाई, चपरासी, लिपिक, शिक्षक, प्रधानाध्यापक, प्रशासन सहित सभी कर्मचारी महिला ही होंगे। छात्रावास में भी प्रबंधन, प्रार्थना, सत्संग, धार्मिक अनुष्ठान आदि की जिम्मेदारी महिलाओं की होगी। राकेशभाई दुधात ने विवरण देते हुए कहा कि परिसर में पुरुष अभिभावक को भी अनुमति नहीं दी जाएगी। सूरत गुरुकुल के प्रभु स्वामी ने कहा कि गुजरात सहित देश भर में स्वामीनारायण संप्रदाय के 170 गुरुकुल कार्यरत हैं, जिनमें दो लाख से अधिक छात्र विद्यालयों और छात्रावासों में रहकर शिक्षा और संस्कार प्राप्त कर रहे हैं।
अभी तक 18 बीघा भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा
ये सभी गुरुकुल कुमार (लड़कों) के लिए हैं, जबकि देश में पहली बार सूरत में कन्याओं के लिए गुरुकुल बनने जा रहा है। साथ ही प्रभु स्वामी ने कहा कि वर्ष 1948 में शास्त्री महाराज धर्मजीवनदास स्वामी ने राजकोट में सम्प्रदाय का प्रथम गुरुकुल की स्थापना की। उसी राजकोट श्री स्वामीनारायण गुरुकुल संस्थान द्वारा प्रबंधित 75 वर्षों के बाद इस श्री स्वामीनारायण कन्या गुरुकुल की स्थापना संप्रदाय में पहली बार की जा रही है। वर्तमान में 18 बीघा भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है।
कुल 6 लाख वर्गफीट का निर्माण होगा। पहले चरण में 3.50 लाख वर्गफीट का निर्माण किया जाएगा। जून-2024 में प्रथम चरण का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा और शैक्षणिक कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। इसके अलावा राजकोट में भी राजकोट मोरबी रोड पर राम मंदिर के पास रतनपर गांव में कन्याओं के लिए गुरुकुल बनाने का काम तेजी से चल रहा है।