लखनऊ, 25 मई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने जारी बयान में कहा कि अखिलेश यादव इन दिनों बाबा साहब के आदर्शों और उनके मूल्यों की बात करते हैं, अगर वे उन्हें पढ़ लिए होते तो किसी के खिलाफ इस तरह की अमर्यादित टिप्पणी करने से पहले सौ बार विचार करते।
डॉ. निर्मल ने कहा कि बाबा साहब के विचारों के अनुसार, शब्द केवल संचार का माध्यम नहीं हैं, बल्कि वे विचारों, संस्कृति और सामाजिक मूल्यों के वाहक भी हैं। अंबेडकर का मानना था कि शब्दों का प्रयोग सावधानी और जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए, क्योंकि वे समाज में समानता, न्याय और सम्मान को बढ़ावा देने या बिगाडऩे की शक्ति रखते हैं।
डॉ. निर्मल ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर का अनुयायी बताने वाला कोई भी व्यक्ति किसी के भी खिलाफ इस तरह की अभद्र व अशोभनीय टिप्पणी व्यक्त नहीं कर सकता। लेकिन दुर्भाग्य है कि अम्बेडकर का अनुयायी बताने वाले लोग किसी भी सम्मानित व्यक्ति के खिलाफ व्यक्तिगत आक्षेप लगा रहे हैं, ऐसे लोग अम्बेडकर के अनुयायी नहीं बल्कि उनके विचारों और सिद्धांतों के विरोधी है। दलित समाज के लोगों को ऐसे लोगों से बहुत ही सावधान रहने की जरूरत है।
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन