गुवाहाटी, 2 जून (हि.स.)। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि शिशु साहित्य समाज का दर्पण है। यह बच्चों के मानसिक और बौद्धिक विकास को दिशा देता है और समाज को समझने-बूझने में उनकी सोच को गहराई प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि असम में बाल साहित्य को समृद्ध करने में कई प्रतिष्ठित साहित्यकारों का योगदान रहा है।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को जानकारी दी कि कल श्रद्धेय प्रफुल्ली तालुकदार ने उन्हें अपनी पुस्तक ‘शिशु साहित्य समग्र’ की एक प्रति भेंट की। उन्होंने इस साहित्य को बच्चों के लिए अत्यंत मूल्यवान बताया और कहा कि यह पुस्तक निश्चित ही उनके लिए एक अमूल्य धरोहर साबित होगी।
मुख्यमंत्री ने लेखिका को धन्यवाद् देते हुए अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों को इस प्रकार का साहित्य पढ़ने के लिए प्रेरित करें, जिससे उनका मानसिक और रचनात्मक विकास हो सके।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश