इटानगर, 28 मार्च (हि.स.)। अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चौना मीन ने राज्य के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस
(ईओडीबी) सुधारों पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
उपमुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में ईओडीबी अधिनियम 2021 के पूर्ण कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया और सभी विभागों को अपनी सेवाओं को डिजिटल बनाने और प्रक्रिया को औपचारिक बनाने के लिए ईओडीबी नियम बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने समय पर सेवा प्रदान करने और किसी भी चूक के लिए नागरिक सेवा वितरण अधिनियमों के तहत उचित कार्रवाई के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने विभागों से प्रक्रियात्मक बाधाओं को कम करने और व्यापार के अनुकूल माहौल को सुविधाजनक बनाने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया।
सचिव (योजना और निवेश) आरके शर्मा ने अपने स्वागत भाषण में एक निर्बाध और निवेशक-अनुकूल नियामक ढांचे के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ईओडीबी अधिनियम 2021 सभी विभागीय सेवाओं को ईओडीबी पोर्टल में एकीकृत करने का आदेश दिए हैं, जिससे सुव्यवस्थित प्रक्रियाएं और अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
अरुणाचल प्रदेश नवाचार एवं निवेश पार्क (एपीआईआईपी) के सीईओ और संयुक्त निदेशक (निवेश) ताबे हैदर ने राज्य में ईओडीबी के कार्यान्वयन की स्थिति प्रस्तुत की, जिसमें अरुणाचल प्रदेश की प्रगति, भारत सरकार की ईओडीबी रैंकिंग में राज्य को ‘एस्पिरर’ के रूप में मान्यता और एक मीडिया हाऊस द्वारा ‘शासन में सबसे बेहतर छोटे राज्य’ के रूप में इसकी विशिष्टता पर प्रकाश डाला गया।
उन्होंने बताया कि अरुणाचल प्रदेश राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली के साथ एकीकृत होने वाला पहला पूर्वोत्तर राज्य है और इसका ईओडीबी पोर्टल अब राजस्व उत्पन्न कर रहा है, जो डिजिटल संक्रमण की प्रभावशीलता को दर्शाता है। बैठक में अनुपालन बोझ में कमी (आरसीबी), ढांचे के कार्यान्वयन सहित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बैठक में उपमुख्यमंत्री के सलाहकार, अतिरिक्त पीसीसीएफ, आयुक्त (उद्योग/व्यापार और वाणिज्य), आयुक्त
(कृषि/बागवानी), सचिव (व्यापार और वाणिज्य) और कई अधिकारी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / तागू निन्गी