अहमदाबाद, 14 मई (हि.स.)। भारत में घुसपैठ कर अहमदाबाद के चांडोला तालाब के इर्द-गिर्द बसे बांग्लादेशियों के खिलाफ अहमदाबाद प्रशासन की तरफ से की गई सख्त कार्रवाई में अब तक 200 बांग्लादेशियों को डिपोर्ट कराया है। इन बांग्लादेशियों के कागजातों की जांच में कई नए खुलासे हो रहे हैं। फर्जी कागजातों के जरिए रहने वाले इन बांग्लादेशियों को स्थानीय कॉरपोरेटर का भी साथ मिलने का खुलासा किया गया है। इस मामले में गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने एक एजेंट शोएब मोहम्मद समेत एक और बांग्लादेशी राणा सरकार उर्फ मोहम्मद दीदार को पकड़ा है। यह एजेंट और बांग्लादेशी घुसपैठिये आपस में मिलकर बांग्लादेशियों के लिए फर्जी कागजात बनाते थे।
गुजरात एटीएस के अधिकारी के अनुसार पकड़े गए आरोपी एजेंट के पास से बड़ी संख्या में फर्जी कागजात और आईडी प्रूफ मिले हैं। आरोपित ने फर्जी कागजात बनाने में कांग्रेस और भाजपा के कॉरपोरेटर के लेटरपैड का दुरुपयोग किया।
अहमदाबाद एटीएस के एसपी के. सिद्धार्थ ने बताया कि स्थानीय कॉरपोरेट का लेटरपैड आरोपित पहले से लेकर रखता था। इसमें पहले से हस्ताक्षर किया रहता था। आरोपित पहले के आवेदक के नाम को वाइटनर से पेंट कर नए आवेदक का नाम लिखकर कलर प्रिंट निकलवा लेते थे। इसके बाद जितने भी बांग्लादेशी आवेदक आते थे, उसमें उनका नाम, फोटो चिपका कर गलत ढंग से आधारकार्ड बनाते थे। बाद में आधारकार्ड के जरिए पैन कार्ड, बैंक कागजात आदि बनाकर पासपोर्ट के लिए आवेदन करते थे। आरोपित ने अहमदाबाद मनपा के नेता प्रतिपक्ष शहजाद खान पठाण, कॉरपोरेटर गीता सोलंकी और पूर्व कॉरपोरेटर कमरुद्दीन के लेटर पैड का इस्तेमाल किया। पुलिस अब इन कॉरपोरेटर से भी पूछताछ कर मामले में इनकी संलिप्तता के संबंध में जानकारी जुटाएगी।
ऐसे पकड़े गए आरोपी
गुजरात एटीएस ने गुप्त सूचना के आधार पर राणा सरकार उर्फ मोहम्मद दीदार नामक बांग्लादेशी और एजेंट शोएब मोहम्मद को गिरफ्तार किया। राणा सरकार नामक बांग्लादेशी नारोल में रहता था। आरोपित अपने मकान के नीचे मोबाइल एंड मनी ट्रांसफर की दुकान चलाता था। उसने खुद भी अपने गलत फोटो आईडी के जरिए पासपोर्ट बनवाया था। राणा सरकार और रोब्युल इस्लाम ने नारोल के अलकुरैशी इंटरप्राइजेज के शोएब के साथ मिलकर दूसरे बांग्लादेशियों के आधार और पैन कार्ड समेत अन्य फर्जी कागजात बनाता था। आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने उसकी मोबाइल की दुकान में जांच की तो यहां से बड़ी संख्या में फर्जी कागजात मिले। राणा सरकार के पास रोब्युअल इस्लाम नामक व्यक्ति बांग्लादेशी लोगों को लाता था, जिसके बाद उनके फर्जी डाक्यूमेंट शोएब बनाता था। राणा सरकार मूल बांग्लादेश का निवासी है और वर्ष 2012 में खेत के रास्ते अवैध रूप से भारत की सीमा को पार कर आया था। वह दिनहाट, सिलिगुड़ी, हावड़ा, तमिलनाडु, बेंग्लुरु, मुंबई होकर वर्ष 2015 में अहमदाबाद आया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय