एलआईसी ने नए बिजनेस प्रीमियम में निजी बीमा कंपनियों को पछाड़ा, सालाना आधार पर 10 फीसदी की वृद्धि

एलआईसी ने नए बिजनेस प्रीमियम में निजी बीमा कंपनियों को पछाड़ा, सालाना आधार पर 10 फीसदी की वृद्धि

नई दिल्ली, 13 मई (हि.स)। देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने अप्रैल के लिए नए व्यवसाय प्रीमियम (एनबीपी) में सालाना आधार पर 9.91 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। यह समग्र उद्योग की 8.43 फीसदी की वृद्धि दर और निजी जीवन बीमा कंपनियों की 6.09 फीसदी की वृद्धि दर से ज्‍यादा है।

जीवन बीमा परिषद की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक एलआईसी ने अप्रैल महीने में एनबीपी से 13,610.63 करोड़ रुपये एकत्र किए, जो अप्रैल 2024 में 12,383.64 करोड़ रुपये से अधिक है। वहीं, समग्र जीवन बीमा उद्योग ने एनबीपी में 21,965.73 करोड़ रुपये एकत्र किए, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में एकत्र किए गए 20,258.86 करोड़ से 8.43 फीसदी अधिक है। इसी तरह निजी जीवन बीमा कंपनियों ने मिलकर 8,355.10 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जो पिछले वर्ष के 7,875.22 करोड़ रुपये से 6.09 फीसदी अधिक है।

आंकड़ों के मुताबिक यह एलआईसी की मजबूत स्थिति को दर्शाता है और यह नए व्यवसाय में अपने प्रदर्शन के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। व्यक्तिगत प्रीमियम श्रेणी में एलआईसी ने 0.46 फीसदी की मामूली गिरावट दर्ज हुई है। एलआईसी ने अप्रैल 2025 में 3,160.87 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं, जबकि अप्रैल 2024 में यह 3,175.47 करोड़ रुपये रहा था। हालांकि, समूह प्रीमियम खंड में 13.48 फीसदी की मजबूत वृद्धि दर्ज की गई, जो एक वर्ष पहले 9,208.17 करोड़ रुपये से बढ़कर 10,449.76 करोड़ रुपये हो गई है।

जीवन बीमा परिषद के मुताबिक अप्रैल में एलआईसी द्वारा जारी कुल पॉलिसियों की संख्या पिछले साल के मुकाबले 8.56 लाख से घटकर 7.26 लाख हो गई, व्यक्तिगत पॉलिसियों की संख्या 8.55 लाख से घटकर 7.24 लाख और समूह पॉलिसियों की संख्या 1,169 रह गई हैं, जो अप्रैल 2024 में 1,425 थी। जनवरी से अप्रैल 2025 तक की चार महीने की अवधि के लिए एलआईसी का कुल प्रीमियम संग्रह 82,324.58 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 87,500.97 करोड़ रुपये से कम है।

इसके अलावा इसमें व्यक्तिगत प्रीमियम खंड 22,164.24 करोड़ रुपये से बढ़कर 23,188.46 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि समूह प्रीमियम खंड 65,336.73 करोड़ रुपये से घटकर अब 59,136.12 करोड़ रुपये रह गया। जनवरी-अप्रैल अवधि के दौरान जारी कुल पॉलिसियों में भी गिरावट दर्ज हुई है, जो पिछले साल 87.05 लाख से घटकर इस साल 68.05 लाख रह गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

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