एसओजी की कार्रवाई: भर्ती में फर्जीवाड़ा कर पास हुए 65 सरकारी कर्मचारियों पर मामला दर्ज

एसओजी की कार्रवाई: भर्ती में फर्जीवाड़ा कर पास हुए 65 सरकारी कर्मचारियों पर मामला दर्ज

जयपुर, 22 मई(हि.स.)। राज्य की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने पिछले पांच वर्षों में विभिन्न विभागों में हुई भर्तियों की जांच के बाद अब तक 65 लोगों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज किए हैं। इनमें से 31 आरोपितों के नाम सार्वजनिक कर दिए गए हैं, जो विभिन्न विभागों में नौकरी कर रहे हैं।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एटीएस एवं एसओजी) वी.के. सिंह ने बताया कि इन आरोपितों ने सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज, डमी उम्मीदवारों और परीक्षा में खुद शामिल न होकर अन्य व्यक्तियों से पेपर दिलवाने जैसे अवैध तरीकों का इस्तेमाल किया। ये आरोपी प्रयोगशाला सहायक, शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष, कनिष्ठ सहायक, शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षक और अन्य पदों पर कार्यरत हैं।

गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने 6 जून 2024 को सभी विभागों को अपने यहां नियुक्त कर्मचारियों का दस्तावेज सत्यापन करवाने का आदेश दिया था। इसके बाद 22 मार्च 2025 को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए। अब तक 40 से अधिक विभागों में सत्यापन समितियाँ गठित की जा चुकी हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग की जांच समिति ने संभाग स्तर पर काम करते हुए 297 कर्मचारियों को संदिग्ध मानते हुए उनके दस्तावेज एसओजी को सौंपे हैं।

जांच में यह तथ्य सामने आया है कि कई कर्मचारियों के आवेदन पत्रों में फोटो, हस्ताक्षर और प्रमाणपत्र मेल नहीं खाते। कुछ मामलों में तो पूरा परीक्षा पत्र किसी अन्य व्यक्ति ने दिया था। विशेष रूप से वर्ष 2018 और 2022 में आयोजित अध्यापक स्तर-1, प्रयोगशाला सहायक, शारीरिक शिक्षक ग्रेड-3, पुस्तकालयाध्यक्ष और प्रधानाध्यापक जैसी परीक्षाओं में गड़बड़ी सामने आई है।

राज्य सरकार ने इन गंभीर मामलों को देखते हुए विशेष अनुसंधान टीम (एसआईटी) का गठन किया है। एसआईटी द्वारा एक हेल्पलाइन नंबर 9530429258 भी जारी किया गया है, जिस पर हजारों शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन्हीं शिकायतों के आधार पर एसओजी ने अब तक चार मुकदमे दर्ज किए हैं। जिन प्रमुख कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है उनमें अजमल मीना (लैब सहायक, सवाई माधोपुर), मनराज मीना, नवीन कुमार नेहरा (शारीरिक शिक्षक), खुशराज सिंह मीना (पुस्तकालयाध्यक्ष), और ओमप्रकाश (अध्यापक स्तर-1, जालोर) शामिल हैं। इनके चयन में गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं।

पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) परिस देशमुख ने कहा कि यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। आगे भी यदि किसी कर्मचारी के दस्तावेजों में गड़बड़ी या धोखाधड़ी सामने आती है, तो संबंधित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। यह पहल राज्य की भर्ती प्रणाली में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

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