धर्मशाला, 30 मई (हि.स.)।
जिला उपभोक्ता आयोग ने भारतीय स्टेट बैंक कृषि विकास शाखा पालमपुर जिला कांगड़ा को शिकायकर्ता को 7.40 फीसदी ब्याज की दर से 1,37,708 रुपये देने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा उपभोक्ता को मुआवजे के रूप में 18 हजार, जबकि मुकद्दमेबाजी के लिए 10 हजार रुपये देने के निर्देश दिए हैं।
आयोग के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा, सदस्य आरती सूद और नारायण ठाकुर की अदालत ने यह फैसला शिकायत को मंजूर करते हुए शिकायतकर्ता के पक्ष में सुनाया है।
जानकारी के अनुसार डॉ. सुरजीत सिंह भाटिया प्रोप. एमएस भाटिया टी इस्टेट निवासी टांडा तहसील पालमपुर जिला कांगड़ा ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज करवाई थी कि भारतीय स्टेट बैंक कृषि विकास शाखा पालमपुर जिला कांगड़ा से एग्रीकल्चर टर्म लोन 70,45,620 रुपये, जबकि 15 लाख रुपये तक की लिमिट वाला एग्रीकल्चर कैश कार्ड लिया था। संवितरण के समय शिकायतकर्ता ने संबंधित बैंक से शेष स्वीकृत राशि वितरित करने का अनुरोध किया, क्योंकि उपभोक्ता को 93,71,000 रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी। लेकिन बैंक ने शेष बची राशि को देने से इन्कार कर दिया। इस दौरान संबंधित बैंक ने उपभोक्ता से 1,81,743 रुपये का ब्याज भी हासिल कर लिया, जिसे उपभोक्ता ने न लेने का अनुरोध बैंक से किया था। इस दौरान बैंक प्रबंधन ने उसे आश्वासन दिया था कि यदि कोई विसंगति होगी तो उसे ऋण के अंत में समायोजित कर दिया जाएगा। लेकिन बाद में उपभोक्ता को बैंक ने ऐसा कोई लाभ नहीं पहुंचाया, जिसके चलते डॉ. सुरजीत सिंह भाटिया ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत कर दी। वहीं
उपभोक्ता आयोग ने शिकायत को मंजूर करते हुए संबंधित बैंक को आदेश की प्रति प्राप्त होने की तिथि से 30 दिन के भीतर शिकायतकर्ता को 44,035 रुपये की राशि वापस करने का निर्देश दिया जाता है। साथ ही कहा गया कि ऐसा न करने पर शिकायत की तिथि से लेकर उसके वसूल होने तक 6 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज देना होगा। वहीं बैंक को शिकायतकर्ता को शिकायत की तिथि से लेकर उसके वसूल होने तक 7.40 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज सहित 1,37,708 रुपये की राशि का भुगतान करने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा उपभोक्ता आयोग ने शिकायतकर्ता को 18,000 रुपये का मुआवजा और 10,000 रुपये की मुकदमेबाजी लागत भी अदा करने को भी कहा।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया