जम्मू, 16 मई (हि.स.)। ऑपरेशन मिलाप के तहत एक उत्साहजनक आउटरीच प्रयास में भारतीय सेना ने पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास अग्रिम क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के साथ विशेष बातचीत की। सीमा पार से गोलाबारी से प्रभावित समुदायों की चिंताओं को दूर करने के उद्देश्य से, इस पहल ने सीमावर्ती निवासियों की सुरक्षा और कल्याण के लिए सेना की स्थायी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। वरिष्ठ सेना अधिकारियों ने ग्रामीणों से सीधे संपर्क किया, उनकी शिकायतों को धैर्यपूर्वक सुना और उन्हें निरंतर समर्थन और समय पर सहायता का आश्वासन दिया। यह बातचीत न केवल शिकायत निवारण के लिए एक मंच के रूप में काम आई, बल्कि सेना और स्थानीय आबादी के बीच आपसी विश्वास को मजबूत करने का एक संकेत भी थी।
एक मार्मिक और सम्मानजनक इशारे में, सेना ने एक निर्माणाधीन गुरुद्वारे का भी दौरा किया, जिसे हाल ही में गोलाबारी की घटनाओं में नुकसान पहुंचा था। इस यात्रा ने स्थानीय आस्था और विरासत के प्रति भारतीय सेना के गहरे सम्मान और संकट तथा सांस्कृतिक संरक्षण दोनों ही समय में लोगों के साथ खड़े रहने के प्रति उसके समर्पण को उजागर किया। ऑपरेशन मिलाप को महज एक सुरक्षा मिशन से कहीं अधिक बताते हुए सेना ने शांति, एकता और सद्भाव के पुल के रूप में अपनी भूमिका को रेखांकित किया। इसने कमजोर सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए मानवीय सहायता, बुनियादी ढांचे के समर्थन और स्थानीय प्रशासन तथा नागरिक समाज के साथ सहयोग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा
