मृदा का स्वास्थ्य और किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने पर है फोकस
लखनऊ, 21 मई (हि.स.)। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने प्रदेश के किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार मृदा में सूक्ष्म तत्वों की कमी को दूर करने, सल्फर की मात्रा बढ़ाने तथा क्षारीय एवं लवणीय भूमि सुधार हेतु कृषि योजना के अंतर्गत 75% अनुदान पर जिप्सम उपलब्ध करा रही है।
श्री शाही ने बताया कि विभागीय पोर्टल पर पंजीकृत सभी श्रेणियों के लाभार्थी अधिकतम दाे हेक्टेयर की सीमा तक तीन क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से जिप्सम खरीद सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिप्सम एक महत्वपूर्ण खनिज है जिसमें 23 प्रतिशत कैल्शियम और 18.6 प्रतिशत सल्फर पाया जाता है। इसके प्रयोग से मृदा के भौतिक और रासायनिक गुणों में सुधार होता है, साथ ही क्षारीय, ऊसर भूमि का सुधार भी होता है। भूमि के पीएच में संतुलन, मिट्टी की संरचना में सुधार के साथ-साथ फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में पांच से 10 प्रतिशत तक की वृद्धि होती है।
उन्होंने बताया कि जिप्सम में कैल्शियम और सल्फर की उपस्थिति से पौधों का विकास बेहतर होता है, जिससे उनकी जड़ें मजबूत होती हैं और वे अधिक पोषक तत्वों को अवशोषित कर पाते हैं। कैल्शियम और सल्फर धान के विकास और अच्छी उपज के लिए आवश्यक हैं। जिप्सम क्षारीय और लवणीय भूमि में उपस्थित सोडियम को कैल्शियम से विस्थापित करता है। कैल्शियम मृदा की भौतिक और रासायनिक संरचना में सुधार का मुख्य घटक होने के कारण मृदा की जल धारण क्षमता में वृद्धि होती है, जिससे धान की पैदावार और गुणवत्ता में सुधार होता है और दाने अधिक मोटे और चमकदार होते हैं।
कृषि मंत्री ने दलहनी और तिलहनी फसलों में जिप्सम के उपयोग के लाभों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जिप्सम का उपयोग दलहनी फसलों में राइजोबियम जीवाणुओं की क्रियाशीलता को बढ़ाता है और प्रोटीन की मात्रा में वृद्धि करता है, जबकि तिलहनी फसलों में यह तेल की मात्रा और पौधे के विकास को बढ़ाता है। इस प्रकार दलहनी और तिलहनी फसलों में 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि होती है।
उन्होंने प्रदेश के सभी किसानों से अपील की है कि वे अपने-अपने क्षेत्र के राजकीय बीज गोदाम से 75 प्रतिशत अनुदान पर अधिकतम दाे हेक्टेयर तक की सीमा के अंतर्गत तीन क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से अपने-अपने खेतों में जिप्सम डालकर मृदा की भौतिक, रासायनिक और जैविक गुणों में सुधार के साथ अधिकतम पैदावार प्राप्त करें।—————-
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन