कैथल: लू से बचाव के लिए एहतियात बरतें नागरिक:डीसी

कैथल, 24 मई (हि.स.)। जिला आपदा एवं प्रबंधन प्राधिकरण के चेयरमैन एवं डीसी प्रीति ने कहा कि गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। खासकर धूप में घूमने वालों, खिलाडिय़ों, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को लू लगने का डर ज्यादा रहता है। लू लगने के बाद उसके इलाज से बेहतर है कि हम लू लगने से बचे रहें।

शनिवार को डीसी प्रीति ने आमजन से आह्वान किया कि वे सरकार की ओर से जारी की गई एडवाइजरी की पालना करें और लू से बचे रहें। उन्होंने बताया कि लू से बचाव के लिए स्थानीय मौसम संबंधी खबरों के लिए रेडियो सुनें, टीवी देखें, समाचार पत्र पढ़ें, गर्मी में हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें, अपना सिर ढककर रखें, कपड़े, हैट अथवा छतरी का उपयोग करें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन), घर में बने पेय जैसे लस्सी, नींबू पानी, छाछ आदि का सेवन कर तरोताजा रहें। डीसी ने कहा कि नंगे पांव बाहर न जाएं, काम के बीच में थोड़ा-थोड़ा विश्राम लें, खेत खलिहान में काम कर रहे हैं तो समय-समय पर पेड़ या छाया में ही आसरा लें। गर्मी के मौसम में जंक फूड का सेवन न करें। ताजे फल, सलाद तथा घर में बना खाना खाएं। खासतौर से दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे के बीच धूप में सीधे न जाए। यदि बच्चे को चक्कर आए, उल्टी घबराहट अथवा तेज सिरदर्द हो, सीने में दर्द हो अथवा सांस लेने में कठिनाई हो तो चिकित्सक को दिखाएं।

डीसी प्रीति ने बताया कि बढ़ती गर्मी में वृद्ध एवं कमजोर व्यक्तियों की खास देखभाल करें, यदि वे गर्मी से बेचैनी महसूस कर रहे हों तो उन्हें ठंडक देने का प्रयास करें। इसके साथ ही अपने जानवरों का भी लू से बचाव करें। उन्हें पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी दें, उन्हें घर के भीतर रखें। यदि उन्हें घर के भीतर रखा जाना संभव न हो तो उन्हें किसी छायादार स्थान में रखें, जहां वे आराम कर सकें। ध्यान रखें कि जहां उन्हें रखा जाए वहां दिनभर छाया रहे। यदि आपके पास कुत्ता है तो उसे गर्मी में न टहलाएं, उन्हें सुबह और शाम को घुमाएं। किसी भी स्थिति में जानवर को वाहन में न छोड़ें।

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हिन्दुस्थान समाचार / मनोज वर्मा

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