• गुजरात कर्मयोगी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना को कैबिनेट की बहाली
• 40 लाख अधिकारी-कर्मचारी और पेंशनर्स को मिलेगा लाभ
गांधीनगर, 14 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में राज्य के कर्मचारियों और उनके परिवार के स्वास्थ्य को लेकर एक अहम निर्णय किया गया। राज्य के सभी अधिकारी-कर्मचारी और पेंशनर्स के लिए गुजरात स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू की है। इसके तहत कैशलेस हेल्थ बेनिफिट पैकेज दिया जाएगा।
कैबिनेट मीटिंग के फैसले की जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बुधवार को बताया कि राज्य में हाल पीएमजेएवाई-मा योजना के तहत मिलने वाले लाभ की तरह इस योजना के तहत सभी कर्मचारियों का समावेश किया गया है। राज्य सरकार ने सभी कर्मचारियों और पेंशनर्स को जी सीरीज का एबी-पीएमजेएवाई-मा कार्ड देगी। कार्ड के संबंध में कार्यवाही पीएमजेएवाई नोडल एजेंसी स्टेट हेल्थ एजेंसी (एसएचए) करेगी। इसके तहत सरकारी अस्पतालों, सरकारी समकक्ष अस्पतालों और पीएमजेएवाई पैनलबद्ध अस्पतालों में निर्धारित उपचार के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 10 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध होगा। योजना में हाउट डोर पेसेंट (ओपीडी) का समावेश नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को मिल रहा मासिक मेडिकल अलाउंस का 1000 रुपया यथावत मिलता रहेगा। 10 लाख रुपये से अधिक के व्यय के लिए उपचार प्रक्रिया एबी-पीएमजेएवाई-मा में उपलब्ध नहीं है और अस्पताल पीएमजेएवाई में सूचीबद्ध नहीं है, तो ऐसे मामलों में गुजरात राज्य सेवा (चिकित्सा उपचार) नियम, 2015 के अनुसार मौजूदा प्रणाली के अनुसार चिकित्सा प्रतिपूर्ति उपलब्ध होगी।
वर्तमान में, राज्य में कुल 2,658 अस्पताल हैं जिसमें 904 निजी व 1,754 सरकारी को पीएमजेएवाई-माँ योजना से जुड़ा गया, जिनमें 2,471 निर्धारित उपचार शामिल हैं। राज्य में सेवारत अखिल भारतीय सेवाओं (एआईएस) के सभी अधिकारी और पेंशनभोगी, राज्य सरकार के अधिकारी, कर्मचारी, पेंशनभोगी और उनके आश्रित परिवार, साथ ही वे सभी कर्मचारी जो गुजरात राज्य सेवा (चिकित्सा उपचार) नियम, 2015 के अनुसार मौजूदा प्रणाली के अनुसार चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए पात्र हैं, उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। राज्य सरकार के इस निर्णय से लगभग 4.20 लाख अधिकारी-कर्मचारी और लगभग 2.20 लाख पेंशनर्स मिलाकर कुल 6.40 लाख कर्मयोगियों को इस योजना के अन्तर्गत स्वास्थ्य सेवाओं एवं सुविधाओं का लाभ मिलेगा। फिक्स-पे कर्मचारी वर्तमान में कर्मयोगी कार्ड के तहत लाभ प्राप्त कर रहे हैं। 70 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनभोगी इस योजना के अंतर्गत लाभ के लिए पात्र नहीं होंगे, क्योंकि वे वर्तमान में हाल ही में शुरू की गई वयवंदना योजना का लाभ उठा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार पर 303.3 करोड़ रुपये के प्रीमियम का भार आएगा। इस कार्ड के तहत इलाज के लिए 3708 रुपये प्रति परिवार प्रतिवर्ष प्रीमियम का भुगतान किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय