गुरुग्राम में हुआ जलभराव तो संबंधित जेई होगा जिम्मेदार

गुरुग्राम में हुआ जलभराव तो संबंधित जेई होगा जिम्मेदार

संभावित 138 स्थलों पर जेई की जिम्मेदारी तयगुरुग्राम, 16 मई (हि.स.)। इस बार मानसून के दौरान शहर वासियों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए विभिन्न वार्डों में जलभराव संभावित 138 स्थल चिन्हित करके वहां पर कनिष्ठ अभिंयताओं की जिम्मेदारी तय की गई है। गुरुवार को नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त प्रदीप दहिया ने अधिकारियों की बैठक में यह जानकारी दी। आयुक्त ने कहा कि कनिष्ठ अभियंताओं के साथ सफाई कर्मी तथा सीवर कर्मियों की टीम भी बनाई गई है। यह टीम मानसून से पूर्व इन स्थलों पर निर्बाध जल निकासी के प्रबंध सुनिश्चित कर रही है। इसके तहत नाले, सीवर व जीटी की पर्याप्त सफाई और मरम्मत का कार्य किया रहा है। बरसात के दौरान भी उक्त टीम पंप एवं अन्य संसाधनों के साथ मौके पर मौजूद रहेगी।नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त प्रदीप दहिया ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नागरिकों की शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याएं लंबित न रहें, इसके लिए सभी अधिकारी जवाबदेही से कार्य करें।प्रॉपर्टी टैक्स से संबंधित शिकायतों को लेकर निगमायुक्त ने विशेष चिंता व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रॉपर्टी टैक्स संबंधी आपत्तियों का समय पर निपटारा किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि बिना किसी वैध कारण के कोई फाइल रिवर्ट, रिजेक्ट या अनावश्यक रूप से लंबित न रखी जाए। इससे जनता में निगम की कार्यप्रणाली पर विश्वास मजबूत होगा। इसके अतिरिक्त, मानसून पूर्व तैयारियों को लेकर भी निगमायुक्त सक्रिय दिखे। उन्होंने संयुक्त आयुक्तों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने जोन में जलभराव संभावित स्थानों का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण करें। साथ ही, जल निकासी के पुख्ता प्रबंध जैसे ड्रेनों, सीवरेज लाइनों और जीटी की सफाई एवं मरम्मत कार्य समय रहते कराना सुनिश्चित करें। इससे वर्षा के दौरान शहर में जलभराव की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी। निगमायुक्त ने कहा कि एनडीसी पोर्टल पर 1040 आपत्तियां लंबित हैं। इनमें से 65 आपत्तियों को निर्धारित समय सीमा से अधिक का समय हो गया है। उन्होंने बैठक में मौजूद चारों जोन के संयुक्त आयुक्तों से कहा कि वे इस कार्य को उच्च प्राथमिकता देकर अपने-अपने जोन से संबंधित लंबित आपत्तियों का जल्द से जल्द समाधान सुनिश्चित कराएं। उन्होंने स्पष्ट हिदायत दी कि भविष्य में कोई भी आपत्ति निर्धारित समय सीमा से अधिक समय तक लंबित नहीं रहनी चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर

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