-शास्त्रीय संगीत की विधाओं के धनी जयकिशन को मिला संगीत गौरव सम्मान
गुरुग्राम, 15 मई (हि.स.)। भले ही पारिवारिक पृष्ठभूमि गीत-संगीत का ना रही हो, फिर भी अपनी रुचि से अलवर के रहने वाले जयकिशन ने संगीत सीखने का लक्ष्य बनाया। अलवर क्षेत्र में संगीत के योद्धा तैयार करने वाले कला भारती के तीन दशक तक निदेशक रहे सुधीर माथुर से संगीत की बारीकियां सीखकर आज खुद संगीत की शिक्षा दे रहे हैं जयकिशन। संगीत की दुनिया में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए श्रीराम संगीत संस्थान गुरुग्राम ने उन्हें संगीत गौरव पुरस्कार से नवाजा है। संगीत में उनकी समर्पित कलानिष्ठा एवं सक्रिय रचनात्मक योगदान को देखते हुए संस्थान ने उन्हें इस पुरस्कार के लिए चयनित किया। राजस्थान के अलवर जिला के गांव ढाढोली के रहने वाले जयकिशन संगीत की विधाओं में शास्त्रीय संगीत के महारथी हैं। संगीत की प्रारंभिक शिक्षा कला भारती से ली। फिर वे संगीत के पुरोधा कला भारती के निदेशक रहे सुधीर माथुर के शागिर्द बनें। उनसे संगीत की दुनिया की बारीकियां सीखकर बच्चों को इसका ज्ञान देने लगे। प्रोफेशनल तौर पर यानी स्कूलों में बच्चों को शास्त्रीय संगीत सिखाने की शुरुआत में वे उन्होंने अलवर स्थित पंडित राम लाल माथुर संगीत महाविद्यालय में प्राचार्य का पदभार संभाला। इस पद पर रहते हुए उन्होंने पूरी तन्मयता से संगीत के विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए शिक्षा दी। इसके बाद इटाराना कैंप अलवर में आर्मी स्कूल में ही संगीत के शिक्षक लगे। वर्ष 2012 में उनका चयन केंद्रीय विद्यालय संगठन में हुआ। चयन होने के बाद संगीत शिक्षक के रूप में केंद्रीय विद्यालय में उनकी पहली पोस्टिंग आंध्रप्रदेश के तिरुपति वैंकेट गिरी में हुई। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश के इटानगर, राजस्थान के बाड़मेर क्षेत्र में जैसेंद्र, केंद्रीय विद्यालय एयर फोर्स स्टेशन नलिया गुजरात में तबादले हुए। गुजरात से जुलाई 2024 में फिर से उनका तबादला हुआ और उनको केंद्रीय विद्यालय न 2 सोहना रोड गुरुग्राम में नियुक्ति दी गई।
बेटा, बेटियों को भी संगीत की दुनिया में लाए जिस तरह से एक डॉक्टर अपने बच्चों को डॉक्टर बनाता है, ऐसे ही संगीत के शिक्षक जयकिशन ने भी अपने बच्चों को संगीत की दुनिया से जोड़ा है। उनका बेटा दीपान वर्मा तबला वादक है। दीपान शिमला के मशहूर कलाकार विक्रम गंधर्व से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उनकी दो बेटियां निधि व निशी मुंबई से संगीत विशारद की डिग्री कर रही हैं। खास बात यह है कि दोनों बेटियों के संगीत गुरू जयकिशन खुद ही हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर