जम्मू-कश्मीर में खाद्य एवं औषधि प्रशासन में आयुक्त का पद 3 महीने से खाली पड़ा है- आरटीआई कार्यकर्ता

जम्मू, 31 मई (हि.स.)। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) में आयुक्त का पद फरवरी में हशमत अली याउतो की सेवानिवृत्ति के बाद से खाली पड़ा है, शनिवार को एक आरटीआई कार्यकर्ता ने रिक्त पद को भरने में देरी पर सवाल उठाते हुए यह जानकारी दी।

जम्मू स्थित आरटीआई कार्यकर्ता रमन कुमार शर्मा ने अप्रैल में जम्मू-कश्मीर सरकार के आरटीआई पोर्टल का उपयोग करते हुए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में दो आवेदन दायर किए थे जिसमें पूछा गया था कि याउतो की सेवानिवृत्ति के बाद आयुक्त के पद पर किसे नियुक्त किया गया है और उनके स्थान पर नए अधिकारी की नियुक्ति में देरी का कारण क्या है।

शर्मा ने बताया स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आवेदनों को खाद्य सुरक्षा विभाग को स्थानांतरित कर दिया और अंततः 19 मई को जवाब दिया गया जिसमें पुष्टि की गई कि पद अभी भी खाली पड़ा है और मामला सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के पास है। उन्होंने कहा कि उत्तर में कोई समयसीमा या प्रस्ताव साझा नहीं किया गया था।

आईएएस अधिकारी याउतो 28 फरवरी को एफडीए आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए। एफडीए आयुक्त खाद्य सुरक्षा कानूनों को लागू करने, लाइसेंसिंग, निरीक्षण और जनता को सुरक्षित और मानक गुणवत्ता वाले खाद्य और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है। संशोधित जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार उपराज्यपाल को आईएएस अधिकारियों को स्थानांतरित करने की शक्ति दी गई है जबकि जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा (जेकेएएस) अधिकारियों की पोस्टिंग मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के पास रहेगी।

शर्मा ने कहा यह चौंकाने वाला है कि लगभग तीन महीने बीत चुके हैं और सरकार ने न तो कोई नया अधिकारी नियुक्त किया है और न ही किसी को कार्यभार सौंपा है। उन्होंने कहा कि प्रमुख की अनुपस्थिति ने विभाग के कामकाज और जवाबदेही के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा की हैं। शर्मा ने कहा कि अतीत में जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा था।

उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ इसके सीधे संबंध के कारण बिना देरी के पद भरने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा यह एक महत्वपूर्ण पद है। सरकार की देरी निराशाजनक है। उन्होंने आगे कहा इसमें कोई पारदर्शिता नहीं है और अधिकारियों की चुप्पी चिंताजनक है।

हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता

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