जम्मू, 23 मई (हि.स.)। ज्योतिष शास्त्र के दृष्टिकोण से चतुर्दशी तिथि के स्वामी स्वयं भगवान शिव हैं। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि रविवार,25 मई को मनाई जाएगी। चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 25 मई को दोपहर 3:52 बजे होगा, जो 26 मई सोमवार दोपहर 12:12 बजे तक रहेगा। मासिक शिवरात्रि की रात्रि पूजा का विशेष मुहूर्त 25 मई को रात्रि 11:58 से 12:38 तक रहेगा।
इस दिन प्रातःकाल से ही शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगती है। विधिपूर्वक व्रत रखने वाले भक्त शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, फूल, बिल्वपत्र, धूप, दीप, नैवेद्य, चंदन, ऋतुफल, आक-धतूरे के पुष्प, चावल आदि अर्पित करते हैं। शिवपुराण, रुद्राभिषेक, शिव कथा, शिव स्तोत्रों व ॐ नम: शिवाय के जाप के साथ रात्रि जागरण करने से अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्यफल प्राप्त होता है और मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है।
इस मौके पर अविवाहित कन्याएं भगवान शिव से उनके जैसे पति की कामना करती हैं, जबकि विवाहित स्त्रियां अपने पति व परिवार की मंगलकामना हेतु व्रत रखती हैं। व्रतधारियों को उपवास के दिन भगवान शिव का ध्यान करते रहना चाहिए। प्रातः स्नान कर भस्म का तिलक करें और रुद्राक्ष की माला धारण करें। ध्यान रखें कि भोलेनाथ पर चढ़ाया गया प्रसाद स्वयं न खाएं। यदि शिव मूर्ति के समीप शालिग्राम स्थापित हो, तो प्रसाद सेवन निषिद्ध नहीं होता।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा