नर्सों की भर्ती में कोरोना वारियर्स को मिलेगी प्राथमिकता देगी: मुख्यमंत्री सुक्खू

नर्सों की भर्ती में कोरोना वारियर्स को मिलेगी प्राथमिकता देगी: मुख्यमंत्री सुक्खू

शिमला, 27 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न खाली पदों को भरने का प्रयास कर रही है। डॉक्टरों के पदों को भरा जा रहा है और नर्सों की भर्ती में कोरोना महामारी के समय काम करने वाली नर्सों को प्राथमिकता दी जाएगी। पैरा मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ टेक्नीशियन की भर्ती भी की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार डॉक्टर-मरीज अनुपात तथा नर्स-मरीज अनुपात को सुनिश्चित किया जाएगा ताकि उन्हें काम के लिए बेहतर वातावरण मिल सके।

मुख्यमंत्री ने सोमवार सायं आईजीएमसी शिमला व अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशिलिटी, चमियाणा के फैकल्टी सदस्यों के साथ संवाद के दौरान यह बात कही। इस अवसर पर स्वास्थ्य क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक चिकित्सा महाविद्यालय की आवश्यकताओं के अनुरूप राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक वर्ष के भीतर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में 20 वर्षों से अधिक पुरानी मशीनों और उपकरणों को बदला जाएगा। सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल चमियाणा व टांडा मेडिकल कॉलेज में दो माह के भीतर रोबोटिक सर्जरी की सुविधा को आरंभ कर दिया जाएगा। सभी मेडिकल कॉलेजों में चरणबद्ध तरीके से थ्री टेस्ला एमआरआई मशीनें भी स्थापित की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कोई विशेष ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण मरीजों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार को प्राथमिकता दी है और मेडिकल टेक्नोलोजी पर 1350 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल बनाने को सरकार धन उपलब्ध करवाएगी और मरीजों के साथ-साथ स्टाफ के लिए भी पार्किंग सुविधा को सुदृढ़ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश के प्रीमियम स्वास्थ्य संस्थान मात्र रेफरल स्वास्थ्य संस्थान बनकर रह गए हैं, इसलिए इनमें व्यापक सुधार की आवश्यकता है। आईजीएमसी शिमला में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए राज्य सरकार ने 100 करोड़ रुपये खर्च किए हैं और आने वाले समय में इसे बेहतर बनाने के लिए 200 करोड़ रुपये और प्रदान किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल करने के कारण हिमाचल प्रदेश पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं, लेकिन राज्य सरकार इसके बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मरीज हमेशा ठीक होने की उम्मीद लेकर अस्पताल आते हैं, ऐसे में अगर डॉक्टर अच्छे ढंग से उनसे बात करें तो उनकी तकलीफ कम हो जाएगी। डॉक्टरों को अपने व्यवहार में परिवर्तन करने की आवश्यकता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

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