अलवर, 29 अप्रैल (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना के विरोध में मंगलवार को अलवर जिला व्यापार महासंघ के आह्वान पर अलवर शहर में स्वेच्छिक बंद रखा गया। सुबह से ही अधिकांश बाजारों में दुकानें बंद रहीं और व्यापारी वर्ग ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया।
संयुक्त जिला व्यापार महासंघ के अध्यक्ष रमेश जुनेजा ने बताया कि यह बंद किसी दबाव का नहीं, बल्कि व्यापारियों की स्वेच्छा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि पूरा व्यापार समुदाय आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है और इस प्रकार के कायराना हमलों का देशव्यापी विरोध आवश्यक है। उन्होंने कहा कि देश जब भी संकट में होता है, व्यापार जगत हमेशा देश के साथ खड़ा रहता है।
सुबह से ही व्यापार संघ की टीमें शहर के विभिन्न बाजारों में पहुंच गईं और दुकानदारों से स्वेच्छा से दुकानें बंद रखने की अपील की। अधिकांश दुकानों ने इस अपील का सम्मान करते हुए अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। हालांकि कुछ जगह जैसे होपसर्कस पर रामबाबू मिष्ठान भंडार खुला मिला, तो व्यापारी वहां समझाइश करने पहुंचे। दुकानदार ने बताया कि विवाह समारोहों का समय होने के कारण दुकान खोलनी पड़ी थी।
हालांकि, बंद को लेकर व्यापार जगत में मतभेद भी सामने आए।
संयुक्त व्यापार महासंघ के अध्यक्ष राजकुमार गोयल ने बंद के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम बंद के समर्थन में नहीं हैं। किसी भी दुकानदार पर कोई दबाव नहीं है। जो दुकानदार अपनी मर्जी से दुकान बंद करना चाहे, वह कर सकता है, लेकिन जबरदस्ती का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
बाजारों में दुकानों के बाहर बैठे व्यापारियों ने बताया कि वे स्वेच्छा से दुकानें बंद कर देश के साथ अपनी एकजुटता प्रकट कर रहे हैं। उनका कहना था कि आतंकवाद के खिलाफ सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए और ऐसे हमलों का सख्त जवाब देना चाहिए।
चूड़ी बाजार के दुकानदारों ने कहा कि पूरा बाजार स्वेच्छा से बंद है। यह विरोध केवल एक आतंकी घटना का नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ हमारे आक्रोश और एकता का प्रतीक है। हमें सरकार से अपेक्षा है कि वह आतंकियों को सबक सिखाए।
इस बंद के दौरान शहर में शांति बनी रही और किसी भी प्रकार की जबरदस्ती या अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। पुलिस प्रशासन ने भी बाजारों में निगरानी बनाए रखी।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित