बकरीद के नाम पर हिंसा, क्रूरता व अवैध गतिविधियों पर विराम लगे : डॉ राजकमल गुप्ता

बकरीद के नाम पर हिंसा, क्रूरता व अवैध गतिविधियों पर विराम लगे : डॉ राजकमल गुप्ता

इको होली, इको दिवाली हो सकती है तो अभी तक इको फ्रेंडली बकरीद क्यों नहीं

मुरादाबाद, 1 जून (हि.स.)। विश्व हिंदू परिषद केंद्रीय प्रबंधन समिति के सदस्य मुरादाबाद निवासी डॉ राजकमल गुप्ता ने बकरीद के नाम पर होने वाली हिंसा, क्रूरता व अवैध गतिविधियों पर विराम लगाने की मांग करते हुए कथित पर्यावरण प्रेमियों के साथ उसके पूरे ईको सिस्टम की इस मामले में चुप्पी पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

डा राजकमल गुप्ता ने आगे कहा कि मजहबी आधार पर लाखों पशुओं की निर्मम तरीके से तड़पा-तड़पा कर नृशंस हत्या को जस्टिफाई करने वालों से पूछा जाए कि आखिर कौन सी कुरान में बकरीद पर बकरे की बलि का हवाला दिया गया है। यदि यह सिर्फ प्रतीकात्मक है तो इसके अन्य सात्विक व मानवीय विकल्प भी तो हैं, जिन्हें कुछ मुस्लिम लोगों के समूहों ने अपनाना प्रारंभ भी कर दिया है। इसके लिए आखिर लाखों निरीह जानवरों की जान क्यों ली जाती है और सात्विक समाज के मन मस्तिष्क को खराब क्यों किया जाता है।

उन्होंने पूछा कि हिंदुओं को होली, दिवाली पर उपदेश देने वाले भला अभी तक इको फ्रेंडली बकरीद या अहिंसक सांकेतिक बकरीद का आह्वान क्यों नहीं कर पा रहे हैं? ऐसा लगता है कि ये सभी लोग हिंदू विरोधी इको सिस्टम का हिस्सा हैं। पर्यावरण की रक्षा केवल इनका एक बहाना है, इनका असली उद्देश्य तो सिर्फ हिंदुओं को अपमानित करना ही है।

हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल

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