मऊ जिले में भांतु जाति के प्रमाण पत्र बनाने को लेकर ऊहापोह की स्थिति

मऊ जिले में भांतु जाति के प्रमाण पत्र बनाने को लेकर ऊहापोह की स्थिति

लखनऊ, 30 मई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जिसमें भांतु जाति के प्रमाण पत्र बनाने को लेकर अधिकारियों में ऊहापोह की स्थिति है। जबकि भांतु जाति को अनुसूचित जाति की सूची में वरीयता के स्थान पर रखा गया है। अधिकारियों के ऊहापोह की स्थिति के कारण ही जनपदीय किसान भजुरामा प्रसाद को उनकी जमीन नहीं मिल पा रही है।

मऊ जिले निवासी किसान भजुरामा प्रसाद ने बताया कि बीते एक माह से वह तहसील के चक्कर लगा रहे हैं। इसके बाद अभी हाल ही में मुख्य राजस्व अधिकारी से भी वह मिले हैं, लेकिन उनकी अपनी जाति भांतु का प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है। मुख्य राजस्व अधिकारी ने भांतु जाति के अनुसूचित जाति सूची होने के लिए एक रिपोर्ट मांगी है। तभी प्रमाण पत्र बनाने को लेकर मुख्य राजस्व अधिकारी निर्णय ले सकेगें।

उन्होंने बताया कि भांतु जाति का उनके पास सम्पूर्ण प्रमाण है। इस जाति ने महाराणा प्रताप की सेवा की है। महाराणा प्रताप के सेना में कार्य भी किया है। यह जाति मौके पर मोर्चा लेने वाली है। भांतु जाति से मऊ और आसपास के क्षेत्र में ठीक ठाक संख्या है।

ज्ञातव्य हो कि भांतु एक हिन्दू जाति है। भांतु मुख्य रूप से मध्य और उत्तर-पश्चिमी भारत में पाए जाते हैं। अनुसूचित जाति में भांतु सूचीबद्ध रहे हैं। भांतु को सांसी भी कहा जाता है। इसी अपनी ही बोली एवं संस्कृति होती है। अक्सर ये घूमते फिरते हुए झुंड में दिखायी देते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र

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