बेंगलुरू, 15 मई (हि.स.)| राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने गुरुवार को ग्रेटर बेंगलुरु गवर्नेंस बिल- 2025 को मंजूरी दे दी है। राज्यपाल की सहमति के बाद अब राज्य सरकार जल्द ही बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) को विभाजित करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। यह अधिनियम बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका बीबीएमपी को छोटे निगमों में विभाजित करने की अनुमति देता है। अधिनियम में कहा गया है कि इसके लागू होने की तिथि से 120 दिनों के भीतर, सरकार एक अधिसूचना के माध्यम से ग्रेटर बेंगलुरु क्षेत्र के लिए एक प्राधिकरण का गठन करेगी, जिसे ग्रेटर बेंगलुरु प्राधिकरण कहा जाएगा।
राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि बीबीएमपी के स्थान पर ग्रेटर बेंगलूरु प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। अब से बेंगलुरू, ग्रेटर बेंगलुरू बन जाएगा। ग्रेटर बेंगलुरु क्षेत्र में सात से अधिक निगमों की स्थापना का प्रस्ताव है। लेकिन राज्य सरकार अभी तीन निगम बनाना चाहती है, प्रत्येक निगम में लगभग 100 वार्ड होंगे। अधिनियम में महापौर और उप महापौर का कार्यकाल 2.5 वर्ष निर्धारित करने का प्रावधान है। कार्यभार संभालने के छह महीने बाद ही उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकेगा। अविश्वास प्रस्ताव गिर जाने के बाद अगले छह महीने तक कोई दूसरा प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता।
प्रदेश के मुख्यमंत्री जीबीए के अध्यक्ष होंगे, जबकि राज्य के विकास मंत्री इसके उपाध्यक्ष होंगे। बेंगलुरू मेट्रोपोलिटन ट्रांस्पोर्ट कार्पोरेशन (बीएमटीसी), बेंगलोर वाटर सप्लाई एण्ड सीवरेज बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी), बेंगलोर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड (बीईएसकॉम) और शहर से जुड़ी अन्य एजेंसियों के प्रमुख इसके सदस्य होंगे।
अधिनियम ग्रेटर बेंगलुरु क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करने वाले सभी अधिकारियों की जवाबदेही को एकीकृत और सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता पर जोर देता है। नव निर्मित निगमों के पास इमारतों और साइटों पर कर, संपत्तियों पर सेवा शुल्क, मनोरंजन कर, विज्ञापन शुल्क, व्यवसायों और व्यापार पर कर, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, बुनियादी ढांचे, शहरी भूमि परिवहन और अन्य पर उपकर लगाने की शक्तियां होंगी।
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हिन्दुस्थान समाचार