रेबीज से युवक की मौत की आशंका, स्वास्थ्य विभाग ने किया सतर्क रहने का आह्वान

नाहन, 26 मई (हि.स.)। सिरमौर जिला के बनेठी गांव में रेबीज का एक संदिग्ध मामला सामने आने से क्षेत्र में चिंता का माहौल बन गया है। गांव के एक युवक में रेबीज जैसे लक्षण पाए जाने के बाद उसे उपचार के लिए PGI चंडीगढ़ भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गई। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि युवक की मृत्यु का कारण रेबीज ही था या कोई अन्य बीमारी। अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है।

इस घटना के बाद लोगों में रेबीज को लेकर जागरूकता बढ़ी है और बड़ी संख्या में लोग एहतियातन एंटी रेबीज का टीका लगवाने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। स्थिति को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग, जिला सिरमौर ने लोगों से सतर्क रहने और समय पर टीका लगवाने की अपील की है।

रेबीज: जानलेवा लेकिन बचाव संभव

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमिताभ जैन ने बताया कि रेबीज एक घातक रोग है, जो सामान्यतः कुत्ते, बिल्ली या जंगली जानवरों के काटने या चाटने से फैलता है। यदि समय रहते एंटी रेबीज का टीका न लगाया जाए, तो यह रोग मृत्यु का कारण भी बन सकता है।

उन्होंने कहा कि जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में टीकों की पर्याप्त उपलब्धता है। किसी भी जानवर के काटने या खरोंचने की स्थिति में तुरंत नजदीकी अस्पताल जाकर एंटी रेबीज टीका लगवाना बेहद जरूरी है।

सीएमओ डॉ. जैन ने लोगों को रेबीज से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह है।इसके तहत जानवर के काटने या खरोंचने पर घाव को तुरंत साबुन और साफ पानी से धोएं। घरेलू नुस्खों या देसी इलाज पर भरोसा न करें। बिना देर किए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर एंटी रेबीज टीका लगवाएं।

पालतू जानवरों का समय पर टीकाकरण कराएं। आवारा कुत्तों और जंगली जानवरों से दूर रहें, विशेष रूप से बच्चों को सतर्क करें।

लापरवाही जानलेवा हो सकती है

डॉ. जैन ने चेताया कि कई बार लोग घाव को मामूली समझ कर इलाज नहीं करवाते, लेकिन यही लापरवाही जानलेवा बन सकती है। रेबीज के लक्षण आमतौर पर कुछ दिनों बाद सामने आते हैं, जिसमें तेज बुखार, बेचैनी, पानी से डरना, मांसपेशियों में झटके और मानसिक भ्रम शामिल हो सकते हैं। एक बार लक्षण उभरने के बाद इसका इलाज बेहद कठिन हो जाता है।

जन जागरूकता अभियान की तैयारी

स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि जल्द ही ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोगों को रेबीज के खतरे और बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी जा सके।

डॉ. जैन ने सभी लोगों से अपील की कि वे किसी भी जानवर के काटने या चाटने की घटना को हल्के में न लें और तुरंत उपचार करवाएं। समय पर उठाया गया एक छोटा कदम जीवन रक्षक साबित हो सकता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर

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