चंडीगढ़, 30 मई (हि.स.)। हरियाणा के स्कूलों में शनिवार को पीटीएम के बाद गर्मी की छुट्टियां शुरू हो जाएंगी। ग्रीष्मकालीन अवकाश में नौनिहाल मौज-मस्ती के साथ हरियाणवी रीति-रिवाज और तीज-त्योहारों से जुडेंगे। यही नहीं, मिट्टी से सृजनता सीखेंगे और योग क्रियाओं से जुडेंगे। हर रोज तापमान नापने के साथ सूर्योदय और अस्त का समय भी नोट करेंगे।
शिक्षा विभाग की ओर से निपुण हरियाणा मिशन के तहत ग्रीष्मकालीन गृह कार्य पॉकेट किट तैयार की है। बाल वाटिका से लेकर कक्षा पांचवीं तक के विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग गतिविधियां तैयार की गई हैं। इसके तहत बालवाटिका के विद्यार्थी पारिवारिक रिश्तों का महत्व जानेंगे और बुजुर्गों के प्रति सम्मान व संवाद कौशल के तहत दादा-दादी के पैर दबाने के साथ उनसे मनमोहक काहनियां सुनेंगे। इसके अलावा उन्हें स्मरण शक्ति को मजबूती देने और आध्यात्मिकता के साथ जुड़ाव के लिए एक प्रार्थना या भजन कंठस्थ करना होगा। वहीं सुबह जल्दी उठने के साथ बिस्तर को समेटना और दो योग क्रियाओं को दिनचर्या में शामिल करना होगा।
ग्रीष्मकालीन अवकाश में नौनिहाल दादा-दादी व नाना-नानी से उनके बचपन की बातें जानेंगे और समय में हो रहे बदलाव को लेकर अनुभवों पर भी चर्चा करेंगे। इसके साथ ही एक दिन गैजेट मुक्त दिन बनाना होगा, इस दिन डिजिटल डिटॉक्स और परिवारिक सदस्यों के साथ समय बिताना और मोबाइल व टीवी नहीं देखा शामिल है। वहीं रचनात्मकता के साथ जुड़ाव को लेकर मिट्टी से सृजन तैयार करना होगा। मिट्टी के साथ आटे का भी प्रयोग किया जा सकता है। आटे या मिट्टी के खिलौने तैयार करने होंगे।
शिक्षा विभाग ने ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान बढ़ते तापमान के बीच नौनिहालों को अपने घर की छत या खिडक़ी में पक्षियों के लिए दाना-पानी का प्रबंध करना का भी टाॅस्क दिया है। वहीं घर की पांच रंग-बिरंगी वस्तुओं की पहचान करनी होगी। संस्कृति के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए दादी-नानी व मां से कोई लोक गीत सिखना होगा, जिसका प्रयोग विवाह, तीज त्योहार व उत्सवों में किया जाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा