प्रयागराज, 31 मई (हि.स.)। सिविल लाइंस थाने में साइन सिटी के सीएमडी समेत 11 लोगों के खिलाफ लाखों की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि यह मुकदमा न्यायालय के आदेश पर दर्ज किया गया है। यह जानकारी शनिवार को सहायक पुलिस आयुक्त सिविल लाइन सहायक पुलिस आयुक्त श्यामजीत प्रमिला सिंह ने दी।
एसीपी सिविल लाइन ने बताया कि प्रतापगढ़ जनपद के माधोगंज चिलबिला रंजीतपुर गांव निवासी दुर्गेश कुमार की तहरीर पर साइन सिटी के एचआर मैनेजन उत्तमा अग्रवाल, प्रोजेक्ट मैनेजर लैण्ड सुधाकर सिंह, राशिद नसीम, आशिफ नसीम, संतोष कुमार, दुष्यंत चौहान, संदीप चौधरी, आशीष कुमार, अरुण कुमार जायसवाल, ऐनुल रसीद, दीप्ति हंस के खिलाफ दर्ज किया गया है।
उल्लेखनीय है कि साइन सिटी के खिलाफ प्रदेश के विभिन्न जनपदों में लगभग पांच सौ से अधिक धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। प्रतापगढ़ जनपद के माधोगंज चिलबिला रंजीतपुर निवासी दुर्गेश कुमार ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उक्त आरोपित अपना परिचय देते हुए कंपनी के विभिन्न स्कीमों को बताया। आरोपितों ने पंपलेट व ले आउट आदि दिखाया। पीड़ित अपने, अपनी माता, अनीता, पिता लवकुश गुप्ता, भाई अम्बेश व पत्नी स्नेहा गुप्ता के नाम से उक्त कंपनी द्वारा विकसित की जा रही साइड करंट अर्बन जो सराय नगर महेन्द्रा शोयम के पास भूपियामऊ प्रतापगढ़ व वैदिक विहार मोहनलालगंज लखनऊ में २७ सितम्बर से सात सितम्बर २०१९ तक विभिन्न तिथियों पर विभिन्न किश्तों में निफ्ट और चेक के माध्यम से ६६४१७० रुपये अपने नाम, पत्नी के नाम से ८७५००, माता के दो लाख रुपये निवेश किया। इसके साथ ही पिता लवकुश के नाम ८.४७ लाख व भाई अम्बेश के नाम पर ६.७२ लाख रुपये कुल २४७११०८ रुपये निवेश कर दिया। इसके बाद पीड़ित ने एजेंटो से रजिस्ट्री के लिए बोला तो आरोपित एक विक्रय विलेख निष्पादित किया।
कुछ दिनों बाद जब वह क्रय किये गये भूमि पर वाउंड्रीबाल कराने गया तो जानकारी हुई कि यहां पर कंपनी का कोई अस्तित्व ही नहीं है। पीड़ित ने रुपये की मांग की तो आरोपित मोबाइल बंद करके गायब हो गए। कार्यालय जाने पर देखा तो ताला बंद था। वहां जानकारी हुई की कम्पनी के मालिक व सभी एजेंट धोखाधड़ी व गबन करके फरार हो गये हैं। आरोप है कि आरोपित निवेश के नाम पर कूटरचित दस्तावेज, वेबसाइड नकली गहना, जमीन बेचकर धोखाधड़ी की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल