कोलकाता, 23 मई (हि.स.)। भारतीय सेना की गजराज कोर ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि संकल्प, मार्गदर्शन और अवसर एक साथ मिलते हैं, तो किसी भी क्षेत्र के बच्चे राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग ज़िले के सुदूरवर्ती जंग और दिरांग क्षेत्रों से 44 छात्रों में से 38 ने अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा 2025 में सफलता प्राप्त की है।
कोलकाता स्थित सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय विजयदुर्ग की ओर से शुक्रवार शाम जारी बयान में बताया गया है कि यह उपलब्धि जुलाई 2024 से अप्रैल 2025 तक चले गजराज कोर के निःशुल्क और प्रभावी कोचिंग कार्यक्रम के माध्यम से हासिल हो सकी। इस पहल का उद्देश्य दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन देना और उनमें वह आत्मविश्वास पैदा करना था, जो उन्हें राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा में सफल बना सके।
सेना के प्रशिक्षकों ने न केवल विषयगत पढ़ाई कराई, बल्कि बच्चों में अनुशासन, लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता और मानसिक मजबूती भी विकसित की।
सेना के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि ये होनहार बच्चे भारत का भविष्य हैं और इनकी सफलता दर्शाती है कि यदि उचित सहयोग मिले, तो देश के सबसे दूरस्थ कोने भी उजाले से भर सकते हैं।
गजराज कोर का यह अभिनव प्रयास शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण, सशक्तिकरण और समावेशन की दिशा में एक प्रेरणादायी उदाहरण बन चुका है। सेना ने इन सफल विद्यार्थियों और उनके परिवारों को बधाई दी है और यह भरोसा दिलाया है कि ऐसे प्रयास भविष्य में भी जारी रहेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर