अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर भव्य संगोष्ठी
मीरजापुर, 22 मई (हि.स.)। भाजपा जिला कार्यालय के सभागार में गुरुवार को एक ऐतिहासिक पल दर्ज हुआ, जब पुण्यश्लोका रानी अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी जयंती पर आयोजित संगोष्ठी में मातृशक्ति की अद्वितीय गाथा को श्रद्धा और गर्व के साथ याद किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला उपाध्यक्ष दिनेश प्रताप सिंह ने की, जबकि मंच की शोभा राज्यसभा सांसद साधना सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि बढ़ाई।
साधना सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि महाराष्ट्र की धरती पर जन्मी बालिका अहिल्या बाई ने जब इतिहास की कमान संभाली, तो समूचा भारत उनके आदर्श नेतृत्व का साक्षी बना। वे शासन की नहीं, संस्कारों की रानी थीं। उन्होंने बताया कि रानी अहिल्याबाई न केवल एक कुशल प्रशासिका थीं, बल्कि एक धार्मिक, न्यायप्रिय और संवेदनशील शासक भी थीं। काशी से लेकर सोमनाथ तक जिन मंदिरों का पुनर्निर्माण हुआ, उसमें उनका योगदान अमिट है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में स्थापित उनकी प्रतिमा इसी बात का प्रमाण है कि आज का भारत भी उनके मूल्यों को अपना कर आगे बढ़ रहा है। कार्यक्रम में यह भी घोषणा की गई कि 24 से 31 मई तक जिले भर में रानी अहिल्याबाई की स्मृति में विविध आयोजनों की श्रृंखला चलेगी जिससे उनके जीवन, विचार और आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाया जा सके।
कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री दिनेश वर्मा ने किया, जबकि महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष श्रीमती आभा पटेल ने सह-संयोजिका की भूमिका निभाई। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष विपुल सिंह, महामंत्री हरिशंकर सिंह पटेल, रविशंकर पांडेय, वरिष्ठ नेता मालती त्रिपाठी, जिलामंत्री हेमंत त्रिपाठी, कौशल श्रीवास्तव और मीडिया प्रभारी ज्ञान प्रकाश दूबे समेत अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।
महिला शक्ति का प्रतीक बनीं अहिल्याबाई
पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज जायसवाल ने कहा कि रानी अहिल्या का व्यक्तित्व भारतीय नारीत्व का आदर्श है। वे उस युग की वह ज्योति थीं, जिसने समाज को नई दिशा दी। उनका हाथ में शिव का प्रतीक, न्यायप्रियता और धर्मनिष्ठा, आज भी प्रेरणा का स्रोत है।
धर्म और प्रशासन का अद्भुत संगम
नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुंदर ने कहा कि रानी अहिल्याबाई ने न केवल शासन चलाया, बल्कि शासन को सेवा का माध्यम बनाया। महेश्वर को राजधानी बनाकर उन्होंने समाज में सद्भाव, संस्कृति और सेवा का जो मंत्र दिया, वह आज भी प्रासंगिक है।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा