हाईकोर्ट के फैसले के बाद कुल्लू में चार गुना मुआवज़े की मांग तेज़, संघर्ष समिति का सरकार से न्याय की गुहार

हाईकोर्ट के फैसले के बाद कुल्लू में चार गुना मुआवज़े की मांग तेज़, संघर्ष समिति का सरकार से न्याय की गुहार

कुल्लू, 31 मई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा बीते 22 मई को दिए गए एक महत्वपूर्ण फैसले के बाद कुल्लू जिले में भू-अधिग्रहण से प्रभावित लोगों को चार गुना मुआवज़ा देने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के सभी प्रावधानों को पूर्ण रूप से लागू किया जाए। इस फैसले के आलोक में कुल्लू सदर के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, मनाली के विधायक भुवनेश्वर गौड़ और लाहौल-स्पीति की युवा विधायक अनुराधा राणा ने विधानसभा और अन्य मंचों पर प्रभावितों के लिए चार गुना मुआवज़े की पुरजोर वकालत की है। अब फोरलेन संघर्ष समिति जिला कुल्लू, प्रदेश नेतृत्व के साथ मिलकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और राजस्व मंत्री से भेंट कर प्रभावितों को राहत देने की मांग करेगी।

ढालपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता में फोरलेन संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष दिनेश सेन ने बताया कि वर्ष 2022 में कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में फोरलेन प्रभावितों को चार गुना मुआवज़ा देने का वादा किया था। यही नहीं भाजपा की पूर्व सरकार और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी प्रभावितों को चार गुना मुआवज़ा देने का आश्वासन दिया था। बावजूद इसके अभी तक प्रभावितों को न्याय नहीं मिला है।

सेन ने कहा कि वर्ष 2013 में यूपीए सरकार द्वारा संशोधित भूमि अधिग्रहण कानून एक ऐतिहासिक और जनहितैषी कदम था, जिसने अंग्रेजों के अन्यायपूर्ण कानून को खत्म किया। लेकिन दुख की बात है कि एनएच-3 (राष्ट्रीय उच्च मार्ग 3) के लिए भूमि अधिग्रहण में इस कानून की घोर अवहेलना हुई है और प्रभावितों को उचित मुआवज़ा नहीं दिया गया।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते न्याय नहीं मिला तो क्षेत्र की स्थानीय अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा सकती है। संघर्ष समिति जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से मुख्यमंत्री और विपक्षी नेताओं से मिलकर इस विषय में ठोस समाधान की मांग करेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / जसपाल सिंह

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