शिमला, 26 मई (हि.स.)। देश के कुछ राज्यों में हाल ही में कोविड-19 मामलों की वृद्धि को देखते हुए हिमाचल प्रदेश में भी सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं। हालांकि हिमाचल प्रदेश में अभी तक कोरोना का कोई भी मामला सामने नहीं आया है लेकिन पड़ोसी राज्यों में कोरोना की दस्तक के बाद यहां भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) हिमाचल प्रदेश द्वारा राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों और चिकित्सा अधीक्षकों को पत्र जारी कर अस्पतालों को तैयार रहने और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि कोविड-19 के साथ-साथ इन्फ्लुएंजा के मामलों में भी संभावित वृद्धि को ध्यान में रखते हुए अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों को पूरी तैयारी रखनी चाहिए। पत्र में अस्पतालों को ऑक्सीजन आपूर्ति, वेंटिलेटर, बेड, आवश्यक मशीनें व संयंत्र, दवाइयों और अन्य जरूरी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है।
स्वास्थ्यकर्मियों के लिए प्रशिक्षण जरूरी
एडवाइजरी में स्वास्थ्यकर्मियों के लिए इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण से जुड़ा रिफ्रेशर प्रशिक्षण आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाएं तैयार रहें।
सतत निगरानी और रिपोर्टिंग पर जोर
राज्य भर के सभी स्वास्थ्य केंद्रों से कहा गया है कि वे इन्फ्लुएंजा और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण मामलों की नियमित निगरानी करें ताकि शुरुआती संकेतों को समय रहते पकड़ा जा सके और संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। इसके साथ ही सम्बंधित पोर्टल पर कोविड और इन्फ्लुएंजा मामलों की रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने को कहा गया है। इन मामलों की रिपोर्टिंग तय फॉर्मेट में होनी चाहिए।
जांच प्रयोगशालाओं को तैयार रहने के निर्देश
राज्य में कोविड-19 की जांच करने वाली सभी प्रयोगशालाओं को टेस्टिंग गाइडलाइंस का पालन करने, उपकरणों को तैयार रखने और समय पर नमूनों की जांच सुनिश्चित करने को कहा गया है।
वेरिएंट की पहचान के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जरूरी
जिलों और स्वास्थ्य संस्थानों को निर्देश दिया गया है कि यदि किसी नमूने में कोविड संक्रमण की पुष्टि होती है तो उसे जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए राज्य की मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला (नेरचौक या आवश्यकता पड़ने पर पुणे) भेजा जाए ताकि नए या उभरते वेरिएंट्स की पहचान की जा सके। यदि किसी मामले में कोविड संक्रमण की पुष्टि होती है तो उसकी जानकारी जिला और राज्य निगरानी इकाइयों को अनिवार्य रूप से दें।
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों में मास्क का उपयोग, श्वसन स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण के उपायों का पालन सुनिश्चित किया जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा