हिसार : एचएयू के दलहन अनुभाग को सवश्रेष्ठ केन्द्र पुरस्कार से नवाजा गया

हिसार : एचएयू के दलहन अनुभाग को सवश्रेष्ठ केन्द्र पुरस्कार से नवाजा गया

कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने दलहन वैज्ञानिकों को दी बधाई

हिसार, 22 मई (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय को भारतीय कृषि अनुसंधान

परिषद के तहत अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना द्वारा मूंग अनुसंधान में उत्कृष्ट

कार्य के लिए सर्वश्रेष्ठ केन्द्र पुरस्कार प्रदान किया गया है। कुलपति प्रो बीआर कम्बोज

ने गुरुवार काे दलहन अनुभाग के वैज्ञानिकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।

उन्होंने बताया कि यह

पुरस्कार मूंग की उच्च गुणवत्ता युक्त फसलों का उत्पादन देने वाली किस्मों और तकनीकों

के विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। विश्वविद्यालय के दलहन अनुभाग द्वारा

अब तक उच्च गुणवत्ता वाली मूंग की नौ किस्में विकसित की गई हैं। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय

की ओर से यह पुरस्कार दलहन अनुभाग के अध्यक्ष डॉ. राजेश यादव द्वारा प्राप्त किया गया।

कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने गुरुवार काे विश्वविद्यालय द्वारा अर्जित की गई इस उपलब्धि

का श्रेय दलहन अनुभाग के वैज्ञानिकों को दिया है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक भविष्य

में भी उन्नत किस्में विकसित करने के लिए निरंतर अपना प्रयास जारी रखे ताकि दलहनी फसलों

के उत्पादन में बढ़ोतरी करने के साथ-साथ किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया जा

सके। अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की वार्षिक बैठक जो एसकेएनएयू, आरएआरआई,

दुर्गापुर-जयपुर में आयोजित की गई, जिसमें हकृवि को मूंग अनुसंधान के सर्वश्रेष्ठ केन्द्र

पुरस्कार से नवाजा गया।

हकृवि की मूंग की किस्में देश के 20-25 प्रतिशत क्षेत्र में उगाई जाती है

कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा ने बताया कि दलहन अनुभाग द्वारा

गत पांच वर्षों के दौरान मूंग की विभिन्न तीन किस्में एमएच 1142, एमएच 1762 तथा एमएच

1772 विकसित की गई हैं। उन्होंने बताया कि मूंग की नौ किस्मों में एमएच 421 सबसे अधिक

प्रभावशाली किस्म रही है जिसने देश में और विशेष रूप से राजस्थान में मूंग की खेती,

उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में सराहनीय भूमिका निभाई। राजस्थान भारत का सबसे अधिक

मूंग की काश्त करने वाला राज्य है, जहां देश का लगभग आधा मूंग उगाया व पैदा किया जाता

है। 2017 से 2020 के दौरान देशभर में यह किस्म लगभग 20-25 प्रतिशत क्षेत्र में उगाई

गई और इससे मूंग के क्षेत्र, उत्पादन व उत्पादकता में काफी वृद्धि हुई। तत्पश्चात विश्वविद्यालय

की मूंग की नई किस्म एमएच-1142 भारत सरकार द्वारा 2020 में अनुमोदित की गई और उसके

बाद इस किस्म के अंतर्गत क्षेत्र में लगातार वृद्धि होती गई। पिछले दो वर्षों में यह

देश में सबसे ज्यादा बोई जाने वाली मूंग की किस्म है। 2024 में अनुमोदित एमएच 1762

ने भी साल भर में ही अपना परचम लहराना शुरू कर दिया है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

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