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सूरत के हीरा उद्योग में मंदी के कारण 10 हजार रत्न कलाकारो ने गवाई नौकरी

कच्चे माल की कमी के कारण सूरत के हीरा उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है

सूरत। अमेरिका सहित यूरोपीय संघ के देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाकर कच्चे हीरों के आयात पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। कच्चे माल की कमी के कारण सूरत के हीरा उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है। गुजरात डायमंड वर्कर यूनियन के अध्यक्ष रमेश जिलरिया और उपाध्यक्ष भावेश टांक के दावे के मुताबिक, सूरत में हीरा उद्योग में मंदी के कारण 10,000 हीरा श्रमिकों की नौकरी चली गई है।

सूरत में आर्थिक तंगी से एक महिला समेत कुल 4 रत्न कलाकार की मौत हो चुकी है। पिछले कुछ समय से हीरा उद्योग में रत्न कलाकार की कमर टूट रही है। बेरोजगारी, आर्थिक संकट के कारण रत्न कलाकार की जिंदगी आर्थिक रुप से बहुत कमजोर हो गई है।

रत्न कलाकारो की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो स्थिति और भी खराब होने की संभावना है। हीरा उद्योग के रत्न कलाकार की समस्याओं के समाधान के लिए हीरा श्रमिक संघ गुजरात सरकार के विभिन्न विभागों को ज्ञापन देता रहा है, लेकिन रत्न कलाकार की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है, जिससे ऐसी गंभीर स्थिति निर्मित हो रही है।

डायमंड वर्कर्स यूनियन गुजरात ने रत्न कलाकार के लिए आर्थिक पैकेज और बेरोजगार रत्न कलाकार के लिए रत्नदीप योजना और मृत रत्न कलाकार के परिवारों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है। बता दे वर्तमान समय में जब मंहगाई बढ़ रही है तो कारीगरों का वेतन बढ़ने के बजाय घटता जा रहा है।

उत्पादन में कटौती के कारण प्रति सप्ताह दो दिन की छुट्टी और काम के घंटों में कमी का सीधा असर श्रमिकों के वेतन पर पड़ा है। मजदूरी कम होने से कारीगर आर्थिक रूप से तबाह हो गए हैं। कुछ फैक्ट्रियों में अवकाश घोषित होने की भी संभावना है। तो कुछ फैक्ट्रियां बंद होने की कगार पर हैं। कई फैक्ट्रियों से मजदूरों की बर्खास्तगी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। जो रत्न कलाकार के लिए एक बहुत बड़ी समस्या है।

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