खरियार रोड, जेएनएन। खेत में बलि दे देने से फसल की पैदावार बढ़ जाएगी, इस अंधविश्वास में फंसकर एक ग्रामीण ने अपने ही भतीजे को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना के बाद से पूरा गांव सदमे में है।
छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती ओडिशा के खरियार रोड से करीब 30 किमी दूर कोमना थानांतर्गत ग्राम जाड़ामुंडा में यह लोमहर्षक घटना शनिवार को हुई। जाड़ामुंडा निवासी चिंतामणी माझी व सगन माझी सगे भाई हैं। छोटा भाई सगन पलायन कर आंध्रप्रदेश गया हुआ है। शनिवार को चिंतामणी (46) बड़े भतीजे (13) को लेकर खेत पर गया हुआ था। करीब 11 बजे छोटा भतीजा धनसिंह (11) खाना लेकर खेत पहुंचा। चिंतामणि पेड़ की डाल काटने में मदद करने के बहाने धनसिंह को साथ ले गया। धनसिंह की नजर दूसरी ओर थी, इसी दौरान चिंतामणि ने गंडासे से इतने जोर से वार किया कि धनसिंह की मौके पर ही मौत हो गई।
ताऊ के हाथों में खून से सना गंडासा देखकर बड़ा भतीजा चीखने लगा। उसकी आवास सुनकर आसपास के खेतों में काम करने वाले लोग जुट गए। सूचना पर पहुंचे तरबोड़ पुलिस चौकी प्रभारी लच्छीधर ने चिंतामणि को गंडासे के साथ गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसकी फसल कम हो रही थी। किसी ने उसे बलि देने पर उत्पादन बढ़ जाने को कहा था, इसलिए उसने ऐसा किया।
अंधश्रद्घा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्रा ने कहा कि फसल का कम-ज्यादा होना मौसम पर निर्भर करता है। बैगा-गुनिया की बातों में आकर अंधविश्वास करने से न तो किस्मत बदलेगी, न ही धन-संपत्ति आएगी। यह अवैज्ञानिक है। अंधविश्वास के चक्कर में कानून तोड़ने से अंतत: जेल की सलाखों के पीछे ही जाना पड़ता है।
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Posted By: Dhyanendra Singh