
सूरत/अहमदाबाद।राज्य सरकार की ओर से ली जानेवाली एक और भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी करने का मामला उजगार हुआ है। क्राइम ब्रांच ने इस ममाले में दो लोगों को गिरफ्तार कर कुल 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस के अनुसार 9 दिसंबर, 2020 से 6 जनवरी 2021 के दौरान अलग-अलग तारीखों पर आयोजित ऑनलाइन परीक्षा में आरोपितों ने परीक्षा केन्द्र मालिकों अथवा कम्प्यूटर लैब के इंचार्ज, एजेंट आदि के जरिए सांठगांठ कर परीक्षा में गड़बड़ी की।
राज्य सरकार ने बिजली विभाग में 2156 जूनियर क्लर्क की भर्ती के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान ऑनलाइन भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। इसमें हजारों परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी। आरोप है कि परीक्षार्थियों से रुपए लेकर उनकी इस प्रकार सेटिंग की गई जिससे उनसे पूछे गए सवालों का सही सही जवाब दिया जा सके। इसके लिए स्क्रीन स्प्लिंटर सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल करने की बात प्राथमिक जांच में समाने आई है। यह सॉफ्टवेयर उम्मीदवारों के बजाय खुद ही परीक्षा में पूछे गए सवालों का जवाब देता था।
मामले में सूरत क्राइम ब्रांच की पुलिस उपायुक्त रूपल सोलंकी ने बताया कि शंका के आधार पर आरोपितों पर नजर रखी गई थी। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ गई तो मामले का खुलासा हुआ। अभी तक की जानकारी के अनुसार परीक्षार्थियों तक पहुंचने के लिए एजेंट का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद परीक्षार्थियों को पास कराया गया। अभी इसकी गहराई पूर्वक जांच होनी बाकी है। इस पूरे मामले में कितने परीक्षार्थियों ने गड़बड़ी की और परीक्षा पास कर सरकारी नौकरी प्राप्त की, इन सभी का विवरण पता किया जा रहा है।
इन संस्थाओं की मदद से आरोपितों ने गड़बड़ी की
पुलिस ने अभी तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है, इनमें साबरकांठा का रहने वाला इन्द्रवदन परमार और वडोदरा निवासी मोहंमदउवेश कापडवाला के नाम शामिल है। इसके अलावा अन्य आरोपितों में अनिकेत भट्ट, भास्कर चौधरी, निशिकांत सिन्हा, चिरायु, विद्युत, इमरान आदि के नाम शामिल है। इसके अलावा जिन संस्थाओं की मदद से आरोपितों ने गड़बड़ी की उनमें सूरत की सारथि अकादमी, सूटेक्स बैंक कॉमर्स कॉलेज, वडोदरा की एक वाइस टेक्नोलॉजी, सेवन कलाउड, अमदाबाद की श्रेय इन्फोटेक, राजकोट का सकसेस इन्फोटेक के नाम शामिल है। इसके अलावा वडोदरा के कोटम्बी गांव का वडोदरा इस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग कॉलेज, वडोदरा की सावली तहसील के के जे आईटी इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम शामिल है।
स्क्रीन स्प्लिंटर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर दिया गया अंजाम
डमी परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों में रखने और अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर की मदद से परीक्षा पास कराने के बजाय निर्धारित परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र से दूर विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से ही पास कराया गया गया। स्क्रीन स्प्लिंटर नामक एक सॉफ्टवेयर की मदद से एक ही कंप्यूटर में दो मॉनिटर काम कर रहे थे जिससे एक मॉनिटर परीक्षा केंद्र में चालू रहता था तो दूसरा मॉनिटर परीक्षा केंद्र के बाहर। जिनमें से नकल गिरोह द्वारा ऑनलाइन उत्तर दिए जा रहे थे और परीक्षार्थी केवल परीक्षा केंद्र पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे थे।
कितने रुपये वसूले गए इसकी भी होगी जांच
तीन एजेंटों समेत कंप्यूटर लैब प्रभारी व परीक्षा केंद्र मालिकों की गिरफ्तारी के बाद अब क्राइम ब्रांच ने सघन जांच शुरू कर दी है। हालांकि, चूंकि पूरी साजिश एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है, इसलिए अभी तक यह खुलासा नहीं हो सका है कि किससे कितना पैसा आया है और परीक्षार्थियों से कितना पैसा लिया गया है। इसके अलावा, यह भी पाया गया है कि एजेंटों ने ग्राहकों के सामने पादिकाएँ बाँध रखी हैं। जिसमें इस बात की प्रबल आशंका जताई जा रही है कि अच्छी आर्थिक स्थिति वाले परीक्षार्थी से लाखों रुपए लिए गए हैं।