पुनर्जन्म है या कोई चमत्कार : 3 साल की बच्ची बोलती है अंग्रेज़ी फर्राटेदार
सूरत के न्यू कतारगाम क्षेत्र में रहता है बच्ची का परिवार

Surat The Real Reincarnation Story : सूरत।दुनियां में कई रहस्य ऐसे होते हैं कि जिसे सुनकर इंसान के पैरों टेल जमीं खिसक जाते हैं। ऐसी ही एक खबर हम आपको सुनाने जा रहे हैं जिसको लेकर यह रहस्य बना है कि यह पुर्वजन्म है या कोई चमत्कार।
सूरत शहर के न्यू कतारगाम इलाके में रत्न कलाकार की साढ़े तीन साल की बेटी विदेशी लहजे में अंग्रेजी बोलती है जिससे सब में बच्ची के विषय मे जानने की उत्सुकता पैदा हो गई है। इस बच्ची के घर या उसके आसपास कोई भी अंग्रेजी में बात नहीं करता है, लेकिन सभी यह सुनकर हैरान है कि बच्ची विदेशी अंग्रेजी कैसे बोल रही है। हालाँकि परिवार का कोई भी सदस्य कभी विदेश यात्रा पर नहीं गया है या अंग्रेजी में बात नहीं करता है, लेकिन क्या यह लड़की जो कांटा चम्मच से खाती है और एक विदेशी रहन सहन में रहती है, यह पुनर्जन्म है या प्रकृति का चमत्कार है? ऐसी चर्चा से परिवार की दुविधा बढ़ती जा रही है। किसी भी अन्य माता-पिता की तरह, हर माता-पिता की यह भावना होती है कि उनके बच्चें अपनी स्थानीय भाषा जरूर जाने।

लेकिन माता-पिता को बड़ा आश्चर्य हुआ क्योंकि बच्ची शुरुआत से ही अंग्रेजी बोलने लगी। और वो भी विदेशी उच्चारण के साथ। पहले तो लगा कि वह एक-दो शब्द बोलेगी और फिर घर के बाकी लोगों की तरह बात करेगी। लेकिन जैसे-जैसे वह बड़ी होती जा रही है, श्रीशा विदेशी अंग्रेजी लहजे में बोलने में बेहतर होती जा रही है। पिता परेशभाई कहते हैं, हमारे घर में कोई भी अंग्रेजी नहीं जानता है, इसलिए अंग्रेजी बोलने का कोई सवाल ही नहीं है और हमने डेढ़ साल से टीवी का इस्तेमाल नहीं किया है और हम अपनी बेटी को ज्यादा मोबाइल फोन भी नहीं देते हैं। फिर भी बेटी का इस तरह से बात करना हैरानी की बात है।

बच्ची विदेशियों की तरह करती है व्यवहार
वे कहते हैं, हम खुश भी हैं और दुखी भी क्योंकि बेटी ऐसे विदेशी लहजे में बोलती है। हमारे परिवार में कोई भी विदेश नहीं गया है या अंग्रेजी नहीं बोलता है और अगर यह बेटी अंग्रेजी बात करती है, तो हो सकता है इसका पुनर्जन्म यहां कोई चमत्कार होना चाहिए। मॉम नैन्सी कहती हैं, हमारे घर में जहां सभी अपने हाथों से खाते हैं, वहीं श्रीशा खाने के लिए चम्मच का इस्तेमाल करती हैं। इसलिए हम चिंतित हो जाते हैं और जोर देते हैं कि हमारी बेटी हमारी भारतीय भाषा में ही बोले।

सूरत के न्यू कतारगाम क्षेत्र में रहता है परिवार
परेशभाई मूल रूप से सौराष्ट्र के अमरेली जिले के धारी तालुका के अमृतपुर गांव के रहने वाले हैं, सूरत के न्यू कतारगाम क्षेत्र में रहते हैं और एक रत्न कलाकार के रूप में काम करते हैं। उन्होंने सूरत को अपना कर्मभूमि बनाया है परेशभाई ने 8वीं तक पढ़ाई की है और उनकी पत्नी नैन्सी ने 12वीं तक की पढ़ाई की है। दोनों के वैवाहिक जीवन में साढ़े तीन वर्ष पूर्व लक्ष्मीजी के रूप में एक पुत्री हुई और उसका नाम श्रीशा रखा गया। वे कहते हैं, हम बच्ची से गुजराती में बात कराने की बहुत कोशिश करते हैं लेकिन वह गुजराती समझती है लेकिन बोलती नहीं है। कई बार कोशिश की गुजराती बोलने की लेकिन अभी तक बा ही बोल पाती हैं। ज्यादातर शब्द अंग्रेजी में ही बोलती है तो कुछ शब्द हिंदी में बोलती है।
