सूरत में पलक झपकते ही 85 मीटर ऊंचे पावर हाउस टावर को किया गया ध्वस्त, देखिए तस्वीरें

सूरत में आज 85 मीटर ऊंचे पावर हाउस टावर को तोड़ा गया। यह टावर 30 साल पुराना और 70 मीटर चौड़ा थी। डायनामाइट से विस्फोट कर टावर को ध्वस्त कर दिया गया था। ब्लास्ट के लिए 250 किलो टिमेनाइट की खपत हुई थी। कंट्रोल ब्लास्टिंग तकनीक से ब्लास्ट कर टावर को जमीन पर गिरा दिया गया। टावर को 2017 में भंगार घोषित किया गया था।

उतरान पावर स्टेशन में कुल 375 और 135 मेगावाट के दो संयंत्र चल रहे हैं। जिसमें 135 मेगावाट का प्लांट पुराना है। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार पुराने संयंत्रों को निश्चित वर्षों के बाद ध्वस्त कर दिया जाता है। पिछले दो साल से उतरान्न पावर स्टेशन में 135 मेगावाट के प्लांट को तोड़ने का काम चल रहा था, जिसके हिस्से के तौर पर आज कूलिंग टावर को ब्लास्ट कर गिरा दिया गया।

एक नियंत्रण विस्फोट को पूरा होने में लगभग 30 से 40 मिनट लग सकते हैं। ब्लास्टिंग का समय केवल 10 से 15 सेकंड था, यानी पूरा टॉवर सिर्फ 10 से 15 सेकंड में नष्ट हो गया। नियंत्रित विस्फोट से 85 मीटर ऊंचे आरसीसी कूलिंग टावर को ध्वस्त कर दिया गया। इस ऑपरेशन से टॉवर के चारों ओर केवल 50 मीटर के क्षेत्र में धूल के गुच्छे उड़ेंगे और 5-10 मिनट के लिए हवा के दबाव का बवंडर पैदा करेंगे। ऐसे में धूल उड़ने की आशंका के चलते लोगों को घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखने पड़ते हैं।

इस समय गुजरात विधानसभा का सत्र चल रहा है। आज विधानसभा सदन में किरण पटेल का मुद्दा उठा.गृह विभाग की मांग पर विधायक शैलेश परमार ने चर्चा में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, गुजरात की किरण पटेल पीएमए अधिकारी बन जाता हैं और किसी को पता तक नहीं चलता, जो कश्मीर में घूमता है और गुजरात में कोई नहीं जानता।