वडोदरा के खान और खनिज विभाग में ₹2 लाख की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने दो अधिकारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इस मामले में कुल चार अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है, जिससे पूरा ऑफिस स्टाफ संदेह के घेरे में आ गया है। यह घटना गुजरात के इतिहास में पहली बार देखने को मिली है जब रिश्वतखोरी के मामले में पूरे विभागीय स्टाफ पर कार्रवाई की गई हो।
मामला तब सामने आया जब एक शिकायतकर्ता ने रेत का स्टॉक करने के लिए वडोदरा खान और खनिज विभाग में ऑनलाइन आवेदन किया था। इस पर कार्यवाही के दौरान उसकी मुलाकात सीनियर क्लर्क युवराजसिंह दिलीपसिंह गोहिल से हुई। आवेदन को मंजूरी दिलवाने के बदले में विभाग के पूरे स्टाफ की ओर से ₹2 लाख की रिश्वत मांगी गई।
शिकायतकर्ता ने रिश्वत देने से इनकार करते हुए ACB में शिकायत दर्ज कराई। इसके आधार पर 12 मई को जाल बिछाया गया। आरोपी युवराजसिंह गोहिल ने शिकायतकर्ता को प्रेमावती रेस्टोरेंट, BAPS हॉस्पिटल के पास बुलाया और वहीं रिश्वत की राशि मांगी। जैसे ही गोहिल ने रिश्वत की रकम ली, ACB ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
जांच में सामने आया कि इस घोटाले में चार अधिकारी—युवराजसिंह गोहिल, रविकुमार मिस्त्री, किरणभाई परमार और संकेतभाई पटेल—आपस में मिलीभगत कर रहे थे। सभी ने मिलकर रिश्वत लेने की सहमति दी और एक-दूसरे की मदद से अपराध को अंजाम दिया।