शिमला, 15 मई (हि.स.)। हिमाचल सरकार ने शिक्षा विभाग में कार्यरत 778 अंशकालिक जलवाहकों को नियमित करने का बड़ा फैसला लिया है। यह जानकारी शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने गुरूवार को दी। उन्होंने बताया कि जिन कर्मचारियों ने 31 मार्च, 2025 तक अंशकालिक जलवाहक व दैनिक वेतनभोगी के रूप में संयुक्त रूप से 11 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है, उनकी सेवाएं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर नियमित की गई हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह निर्णय लंबे समय से लंबित कर्मचारियों की मांगों को पूरा करता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार कर्मचारियों की जायज मांगों को गंभीरता से लेकर उन्हें समय रहते पूरा करने को प्रतिबद्ध है।
रोहित ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में शिक्षा क्षेत्र में कई क्रांतिकारी निर्णय लिए गए हैं, जिनका सीधा लाभ विद्यार्थियों और शिक्षकों को मिला है। सरकार ने शिक्षकों के कुल 15,000 पदों को मंजूरी दी है, जिनमें प्राथमिक शिक्षा विभाग के 3,900 पद शामिल हैं। साथ ही हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से 3,100 पदों को भी जल्द भरा जाएगा।
प्री-प्राइमरी शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए 6,200 नर्सरी अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इसके अलावा राज्य भर में 200 से अधिक कार्यवाहक प्रधानाचार्यों की सेवाओं को नियमित किया गया है, वहीं उच्च शिक्षा विभाग में 483 सहायक प्रोफेसर भी नियुक्त किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार के अढ़ाई वर्ष के कार्यकाल में स्कूलों में 700 से अधिक प्रवक्ताओं (लैक्चरर) की भर्ती की गई है, जबकि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने अपने पूरे पांच साल के कार्यकाल में केवल 511 प्रवक्ताओं की नियुक्ति की थी।
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि इन सुधारात्मक कदमों का असर अब दिखने लगा है। राज्य के स्कूलों की रैंकिंग में सुधार हुआ है और विद्यार्थियों की पढ़ाई का स्तर भी बेहतर हुआ है। जनवरी 2025 में जारी वार्षिक शिक्षा रिपोर्ट (ASER) के अनुसार हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी देश में पढ़ने की क्षमता के मामले में शीर्ष स्थान पर हैं। अधिकांश मापदंडों में हिमाचल प्रदेश ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा