आईआईटी खड़गपुर ने बनाया पौधों की बीमारियां पहचानने और कीटनाशक छिड़काव करने वाला रोबोटिक सिस्टम

आईआईटी खड़गपुर ने बनाया पौधों की बीमारियां पहचानने और कीटनाशक छिड़काव करने वाला रोबोटिक सिस्टम

कोलकाता, 16 मई (हि.स.)। स्मार्ट खेती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आईआईटी खड़गपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग ने एक अत्यधुनिक रोबोटिक सिस्टम विकसित किया है, जो पौधों की बीमारियों की पहचान करने और स्वतः कीटनाशक छिड़काव करने में सक्षम है। संस्थान के प्रवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

इस प्रणाली का नाम ‘सेमी-ऑटोमैटिक ट्रैक्ड मोबाइल मैनिपुलेटर कम एग्रीकल्चरल रोबोटिक सिस्टम’ है। यह सिस्टम कैमरा आधारित इमेज एनालिसिस के ज़रिए पौधों में होने वाली बीमारियों की सटीक पहचान करता है और आवश्यक कीटनाशक का अपने आप छिड़काव कर देता है।

संस्थान के अनुसार, अब तक ड्रोन आधारित कृषि रोबोट का उपयोग किया जाता रहा है, लेकिन वे पौधों की पत्तियों की उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें लेने में असमर्थ रहे हैं। आईआईटी खड़गपुर द्वारा विकसित यह नया सिस्टम इस बड़ी चुनौती से पार पाने में सक्षम होगा।

इस परियोजना का नेतृत्व मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर दिलीप कुमार प्रतिहार ने किया है और इसे भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है। प्रवक्ता ने बताया कि इस प्रणाली को ‘इंडिया पेटेंट’ भी मिल चुका है।

प्रोफेसर प्रतिहार और उनकी टीम ने माना कि भारतीय कृषि भूमि न तो पूरी तरह समतल होती है और न ही अत्यधिक ऊबड़-खाबड़, ऐसे में ट्रैक आधारित मोबाइल मैनिपुलेटर ही इसके लिए सबसे उपयुक्त समाधान है।

यह नई तकनीक किसानों को मैन्युअल छिड़काव से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों से बचाने के साथ-साथ कृषि उत्पादकता और खाद्य गुणवत्ता को भी बेहतर बनाएगी। साथ ही यह फसल क्षति को कम करके उपज बढ़ाने और लागत घटाने में मदद करेगी, जिससे देश की जीडीपी में सकारात्मक योगदान होगा।

यह रोबोट ‘टेक्निडो’ नामक एक ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर द्वारा निर्मित किया गया है। इस पहल को आधुनिक कृषि में एक नई क्रांति के रूप में देखा जा रहा है, जो किसानों के लिए राहत और देश के लिए लाभदायक साबित हो सकती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

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