हिसार : गुरु का ज्ञान बनता है मानवता के कल्याण का आधार : स्वामी आदित्यवेश

हिसार : गुरु का ज्ञान बनता है मानवता के कल्याण का आधार : स्वामी आदित्यवेश

प्राचीनकाल से ही भारतीय समाज में संस्कारों का विशेष महत्व रहा : स्वामी आर्यवेश

गुरुकुल धीरणवास में छात्रों का हुआ उपनयन संस्कार एवं वेदांरम्भ संस्कार

हिसार, 17 मई (हि.स.)। गुरुकुल धीरणवास में इस सत्र में दाखिल हुए छात्रों

के लिए उपनयन संस्कार एवं वेदांरंभ संस्कार का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम

में मुख्य अतिथि आर्य समाज के सर्वोच्च संगठन सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा नई दिल्ली

के प्रधानमंत्री एवं गुरुकुल धीरणवास के कुलपति स्वामी आर्यवेश रहे।

स्वामी आर्यवेश ने शनिवार काे कहा कि प्राचीनकाल से ही भारतीय समाज में संस्कारों का विशेष

महत्व है। जन्म से मृत्यु तक मनुष्य के 16 संस्कार हैं जिनमें उपनयन संस्कार की अलग

ही उपयोगिता है। यह संस्कार ब्रह्मचारी को जिम्मेदारियों का पालन करने, ईश्वर की प्राप्ति

के लिए प्रेरित करता है। उपनयन का अर्थ है-गुरु शिष्य का परस्पर नजदीक आना। उपनयन संस्कार

के बाद गुरु ब्रह्मचारी का धर्म का पिता और ब्रह्मचारी गुरु का धर्म का पुत्र बन जाता

है।

गुरुकुल के प्रधान स्वामी आदित्यवेश नें कहा कि गुरु अपने शिष्य को संस्कार

और अक्षर का ज्ञान देता है जो मानवता के कल्याण का आधार बनता है, यह हमारी संस्कृति

का व्यापक चिंतन के रूप में अनूठा मूल्य है।

यज्ञ के ब्रह्मा एवं गुरुकुल के शिक्षा निरीक्षक आचार्य देवदत नें कहा कि उपनयन

संस्कार में ब्रह्मचारी यज्ञोपवीत धारण करता है, इसके तीन धागे हमें तीन कर्तव्यों

या तीन ऋण का बोध कराते हैं। पहला कर्तव्य है आलस्य को त्यागकर विद्या अध्ययन करके

शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करना। दूसरा कर्तव्य अपने माता-पिता के ऋण

से उऋण होना अर्थात अपने माता-पिता की सेवा करना और उनके मान-सम्मान को अपने व्यवहार

एवं आचरण से बढ़ाना। तीसरे धागे से हमें देव ऋण से उऋण होने का बोध होता है। देव का

अर्थ है देने वाला।

गुरुकुल के कार्यकारी प्रधान सूबे सिंह आर्य नें कहा कि गुरुकुल परंपरा मनुष्य

को उदारवादी बनाती है। प्रसिद्ध भजनोपदेशिका बहन कल्याणी आर्या नें इस अवसर पर स्वामी

दयानन्द एवं संस्कारो का महत्त्व विषय पर गीत एवं भजन प्रस्तुत किए।

प्रवक्ता सत्यपाल अग्रवाल ने बताया कि इस अवसर पर गुरुकुल के मंत्री सत्यप्रकाश

आर्य, उप प्रधान अजमेर सिंह, मुख्यधिष्ठिता कैप्टन सूबे सिंह आर्य, दलबीर आर्य, भूप

सिंह सीसवाला, नंदराम सांगवान, पूर्व एसडीएम महाबीर सिंह, आर्य समाज नागोरी गेट हिसार

के प्रधान देवेंद्र सैनी, जयवीर सोनी, तेलूराम पूर्व सरपंच, सूबेदार हरिसिंह, गौशाला

संघ के प्रदेश अध्यक्ष शमसेर सिंह आर्य, सार्वदेशिक आर्या युवती परिषद की प्रदेश अध्यक्षा

मुकेश आर्या, महेन्द्र पायल, सुरेन्द्र आर्य, निहाल सिंह दांगी, महेन्द्र आर्य नगर,

आचार्य जोगेंद्र, गुलाब सिंह आर्य, विक्रम सिंह, अजय, कुलदीप, सत्यवान, प्रवेश, मोहित

शास्त्री आदि का विशेष सहयोग रहा।

29 मई से 3 जून तक 200 युवाओं का योग एवं युवा चरित्र निर्माण शिविर का आयोजन

होगा

गुरुकुल धीरणवास के मुख्यधिष्ठिता कैप्टन सूबे सिंह आर्य ने बताया कि गुरुकुल

कार्यकारिणी द्वारा गुरुकुल के संस्थापक स्वामी सर्वदानंद की पुण्यतिथि के अवसर पर

युवाओं को संस्कारित करने के लिए इलाके के 200 युवाओं का चरित्र निर्माण एवं योग शिविर

आयोजित किया जाएगा। इसमे उनके गुरुकुल पद्धति के अनुसार जीवन जीने की कला के साथ साथ

अनुशासन, राष्ट्रभक्ति, चरित्र एवं वैदिक संस्कृति का पाठ पढ़ाया जाएगा। इसके अतिरिक्त

उनको शारीरिक स्वस्थत्ता के लिए योगासन, प्रणायाम, जुडो, लाठी एवं बॉक्सिंग, दंड एवं

बैठक, सर्वांगसुंदर व्यायाम का अभ्यास अनुभवी शिक्षकों द्वारा करवाया जाएगा। ध्यान,

संध्या तथा यज्ञ का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस कार्यक्रम मे समाज के प्रतिष्ठित महानुभाव

समय समय पर सम्बोधित करने पहुंचेंगे तथा युवाओं को मोटिवेट करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

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