गंगनहर में पूरा सिंचाई पानी देने की मांग को लेकर किसानों में आक्रोश

गंगनहर में पूरा सिंचाई पानी देने की मांग को लेकर किसानों में आक्रोश

श्रीगंगानगर, 17 मई (हि.स.)। गंगनहर में पूरा सिंचाई पानी देने की मांग को लेकर किसानों में आक्रोश दिखा। सुबह से ही जिलेभर के अलग-अलग किसान संगठनों के सैकड़ों किसान कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर जुटने लगे। दोपहर तक प्रदर्शन तेज हो गया और पुलिस प्रशासन ने किसानों को कलेक्ट्रेट के अंदर घुसने से रोक दिया। इस दौरान किसानों ने बैरिकेड्स हटाकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया व किसान सिंचाई विभाग का गेट तोड़कर अंदर घुस गए। जिला कलेक्टर और सिंचाई विभाग कार्यालय पर कब्जा कर लिया। इस दौरान किसानों की पुलिस के साथ धक्का-मुक्की और झड़प भी हुई। हालात को देखते हुए कलेक्ट्रेट के सभी गेटों पर बेरिकेड्स लगाकर भारी पुलिस बल तैनात किया गया।

किसानों की मांग थी कि गंगनहर में 2500 क्यूसेक सिंचाई पानी तुरंत छोड़ा जाए। किसानों ने आरोप लगाया कि नहर में कम पानी दिया जा रहा है। खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा। गंगनहर में पूरा पानी ना चलने के कारण खरीफ फसलों की बुवाई समय पर नहीं हो पा रही है जिससे किसानो को नुकसान हो रहा है। किसानों ने चेतावनी दी कि गंगनहर में पानी नहीं बढ़ाया और बढ़ा हुआ पानी रेगुलर नहीं चलता है तो 20 मई को सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक जिलेभर में ‘किसान कर्फ्यू’ के तहत चक्काजाम किया जाएगा।

किसानों की मांगों को गंभीरता से लिया गया है। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में किसानों के प्रतिनिधियों से बातचीत हुई। सहमति बनी कि जैसे ही भाखड़ा और पोंग डेम से छोड़ा गया पानी हरिके बैराज पहुंचेगा और वहां का पौंड लेवल मैनटेन होगा, बीकानेर कैनाल में 2200 क्यूसेक पानी लाने का प्रयास किया जाएगा। इसके बाद 21 मई से गंगनहर में 2500 क्यूसेक पानी दिया जाएगा। अभी गंगनहर में 1000 की जगह 1073 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। स्थिति में सुधार हो रहा है। भाखड़ा डेम से अतिरिक्त पानी छोड़ा गया है, जो जल्द हरिके बैराज पहुंचेगा।

प्रदर्शन के दौरान अखिल भारतीय किसान सभा, किसान संघर्ष समिति, टेल किसान समिति, ग्रामीण किसान मजदूर समिति और किसान आर्मी ने संयुक्त मोर्चा बनाकर नई कार्यकारिणी बनाई। दिलबाग सिंह संधु को अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने कहा कि यदि समाधान नहीं निकला तो 20 मई को चक्काजाम की चेतावनी दी गई थी। फिलहाल प्रशासन से बनी सहमति के बाद चक्काजाम और आंदोलन स्थगित कर दिया गया है।

आंदोलन में किसान नेता रणजीत सिंह राजू, कालू थोरी, गैलेक्सी बराड़, मनिंद्र सिंह मान, संतवीर सिंह मोहनपुरा, रविंद्र तरखान, रामकुमार सहारण, विक्रमजीत सिंह शेरगिल, अमरसिंह बिश्नोई, अमतेंद्र सिंह क्रांति, अवतार सिंह संधु, सुभाष सहगल, मास्टर केवल सिंह, रिशपाल सिंह मक्कासर सहित कई नेता शामिल रहे। किसान संगठनों ने चेताया कि यदि प्रशासन ने वादा निभाया नहीं तो अगली बार आंदोलन और बड़ा और निर्णायक होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

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