सड़क सुरक्षा और परिवहन के खतरों से बचाव को लेकर हुआ मंथन

सड़क सुरक्षा और परिवहन के खतरों से बचाव को लेकर हुआ मंथन

धर्मशाला, 20 मई (हि.स.)।

सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए आम जनमानस को जागरूक करना अत्यंत जरूरी है। मंगलवार को चेलियां में सड़क सुरक्षा एवं परिवहन से संबंधित खतरों और उनके निवारण पर केंद्रित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए एडीएम कांगड़ा शिल्पी बेक्टा ने यह बात कही।

उन्होंने कहा कि भारत में ही प्रतिवर्ष सड़क हादसों के कारण डेढ़ लाख के करीब लोग जान गंवाते हैं जिनमें 18 से 45 वर्ष आयुवर्ग के ज्यादा लोग सड़क हादसों के शिकार होते हैं। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़कों पर यातायात से संबंधित साइन बोर्ड भी जगह जगह प्रदर्शित किए जाएं। इस के साथ दुर्घटना संभावित जगहों की शिनाख्त कर वहां पर भी साइन बोर्ड लगाए जाएं ताकि किसी भी स्तर पर दुर्घटनाओं की आशंका नहीं रहे।

पहले सत्र में आईआईटी रोपड़ के प्रोफेसर डॉ. सूर्यकांत सहदेव ने अपेक्षाएं और कार्य नियम निर्धारण” विषय पर विचार रखे। जिसके पश्चात “भारत में सड़क सुरक्षा नेतृत्व, नीति, अंतर-विभागीय सहयोग तथा राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सुरक्षा ढांचे” पर विस्तारपूर्वक प्रस्तुति दी।दोपहर के सत्र में आईआईटी (आईएसएम) के प्रोफेसर डॉ. अक्षय गुप्ता ने “पर्वतीय सड़कों की सुरक्षा डिजाइन विचारों और सुरक्षा उपायों” पर चर्चा की। तत्पश्चात आईआईटी रुड़की के शोध फेलो डॉ. कालीप्रसन्ना मुदुली ने “दुर्घटनाओं को पहले से रोकना बेहतर सड़क योजना हेतु सुरक्षा संकेतकों का उपयोग विषय पर जानकारी साझा की।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया

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