नई दिल्ली, 22 मई (हि.स.)। दिल्ली के रेहड़ी पटरीवालो को अधिकार दिलाने के लिए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने गुरुवार को दिल्ली में गरीब झुग्गीवालों के लिए चिंता जाहिर की। उन्होंने सरकार पर झुग्गीवालों के लिए काम नही करने का आरोप लगाया और विरोध करने की बात की।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार को महंगाई और रिकार्ड बेरोजगारी झेल रहे झुग्गी झौपडी और रेहड़ी पटरीवालो के लिए रोजगारी की व्यवस्था करनी चाहिए। सिर्फ वोट बटौर के लिए चुनाव के दौरान नेताओं का झुग्गी बस्तियों में रात बिताना और रेहड़ी पटरी वालों का हितैषी बना गलत है। उन्होंने कहा कि अजीविका का अधिकार एक मौलिक अधिकार होने के बावजूद लोगों का रोजगार छीनने का काम किया जा रहा है।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने देश भर में रेहड़ी पटरीवालों को उनकी अजीविका की सुरक्षा प्रदान करने के लिए अजीविका सरंक्षण कानून 2014 को अधिकार दिया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पांच लाख से भी अधिक रेहड़ी पटरीवाले है। जिनको स्थाई जगह और नियमित करने के लिए सरकारों को सर्वे किया जाना था और टाउन वेंडिंग कमेटियों को गठन करके उन्हें लाईसेंस जारी किया जाना था। लेकिन आम आदमी पार्टी ने अपने 11 वर्षों के शासन में रेहड़ी पटरी वालों को स्थाई जगह देने के लिए कोई काम नही किया बल्कि विकास के नाम पर इन्हें हटाने का काम कर रही है।
यादव ने कहा कि झुग्गी झौपड़ी में रहने वाले मजदूरों ने दिल्ली मेट्रो, फ्लाई ओवर, गगनचुंबी इमारतें और हमारे घर बनाएं हैं। यही मजदूर हैं जो तपती गर्मी और कड़कती ठंड में भी दिल्ली को संवारने का काम करते हैं। लेकिन सरकार इनके लिए काम नही कर रही है।
देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाने वाले लाखों रेहड़ी पटरीवालों को सरोजनी नगर मार्केट, लाजपत नगर मार्केट, औखला, मजनू का टीला, खैबर पास, दिल्ली कैंट सदर बाजार सहित दिल्ली भर में उनको हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेहडी पटरी कानून 2014 के अनुसार दिल्ली की जनसंख्या के अनुपात में पांच लाख से अधिक रेहड़ी पटरी वालां को लाईसेंस देना था। लेकिन रेहड़ी पटरीवालों को लाईसेंस न दिए जाने की वजह से पुलिस और स्थानीय निकाय उनको तंग करते है और हटाने के नाम पर पैसे मांगते हैं।
देवेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार ने कालका जी में जहां झुग्गी वहीं मकान योजना के तहत वहां जेजे क्लस्टर के निवासियों के लिए फ्लैट बनाने का काम शुरु किया।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने सरकारी निकायों को आदेश जारी किया है कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था के कोई भी सरकारी संस्था दिल्ली में बसी झुग्गी बस्तियों को उजाड़ नही सकती। जबकि डीडीए की भी यही पॉलिसी है कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था के डीडीए अपनी जमीन पर बसी झुग्गियों को उजाड़ नही सकती। लेकिन भाजपा गरीब झुग्गीवालों को उजाड़कर उनके सर से छत छीनने का काम कर रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी