गुवाहाटी, 22 मई (हि.स.)। कॉटन यूनिवर्सिटी और बालीपाड़ा फाउंडेशन ने पूर्वोत्तर भारत में पारिस्थितिकी अनुसंधान, पर्यावरणीय संरक्षण और सतत विकास के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
यह साझेदारी संयुक्त अनुसंधान, जैव विविधता संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण और सामुदायिक सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देगी। नेचुरेनोमिक्स आधारित पाठ्यक्रम, इंटर्नशिप, एक्सचेंज प्रोग्राम और नेचर इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना भी इस समझौते का हिस्सा है।
डॉ. नारायण शर्मा ने विश्व जैव विविधता दिवस पर इसे प्रकृति संग सहयोग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया, वहीं बालीपाड़ा फाउंडेशन के रंजीत बरठाकुर ने इसे पूर्वी हिमालयी क्षेत्र के लिए साझा नवाचार का आधार कहा।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश