भाजपा ने श्री भागवत स्वरूप जी को श्रद्धांजलि अर्पित की, उनकी 100वीं जयंती पर हवन किया

भाजपा ने श्री भागवत स्वरूप जी को श्रद्धांजलि अर्पित की, उनकी 100वीं जयंती पर हवन किया

जम्मू, 22 मई (हि.स.)। श्री भागवत स्वरूप जी की 100वीं जयंती के अवसर पर, जिन्होंने विभिन्न पदों पर, विशेष रूप से प्रजा परिषद, भारतीय जनसंघ और भाजपा में संगठन सचिव के रूप में छह दशकों से अधिक समय तक निस्वार्थ भाव से सेवा की भारतीय जनता पार्टी जम्मू और कश्मीर ने पार्टी मुख्यालय त्रिकुटा नगर जम्मू में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर हवन भी किया गया जिसमें महान आत्मा की मोक्ष और क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।

सत शर्मा अध्यक्ष जम्मू और कश्मीर भाजपा, अशोक कौल महासचिव (संगठन), जुगल किशोर शर्मा सांसद (लोकसभा), डॉ. निर्मल सिंह और कविंदर गुप्ता पूर्व उपमुख्यमंत्री, शाम लाल शर्मा उपाध्यक्ष और विधायक, डॉ. देविंदर कुमार मन्याल महासचिव और विधायक, चौ. इस अवसर पर विधायक विक्रम रंधावा, मोहन लाल, पूर्व मंत्री प्रिया सेठी, वरिष्ठ नेता एडवोकेट चंद्र मोहन शर्मा व अन्य वरिष्ठ नेताओं ने महान आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रमुख सामाजिक व्यक्तित्वों में गौतम मेंगी, शिव कुमार गुप्ता, अशोक बरारू, नरेश कट्टाल, गोविंद सरीन शामिल थे।

कार्यक्रम का समन्वय व प्रबंधन भाजपा के नानाजी देशमुख पुस्तकालय विभाग के प्रदेश प्रभारी प्रो. कुलभूषण मोहत्रा ने किया। उन्होंने श्री भागवत स्वरूप जी के जीवन से प्रेरक प्रसंग सुनाए संगठनात्मक विकास और राष्ट्रवादी उद्देश्यों के लिए उनकी अथक प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। सत शर्मा ने भागवत स्वरूप जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आज भाजपा एक ऐसे महानायक की 100वीं जयंती मना रही है जो अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए जिए। उन्होंने अपना पूरा जीवन पार्टी के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। पंजाब से आकर प्रजा परिषद, भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक सचिव और प्रचारक के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने निरंतर राष्ट्र और समाज की अत्यंत लगन से सेवा की।

उन्होंने कहा कि हम सभी को उनके जीवन से निस्वार्थ सेवा की सीख लेनी चाहिए। स्वरूप जी का जीवन सभी के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा। अशोक कौल ने भागवत स्वरूप जी के जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंगों को साझा किया। उन्होंने पंडित प्रेम नाथ डोगरा के साथ भागवत जी के घनिष्ठ संबंधों और जम्मू क्षेत्र में एक प्रधान, एक निशान, एक संविधान सहित सभी प्रमुख आंदोलनों में भागवत जी के योगदान को साझा किया जिसके परिणामस्वरूप परमिट प्रणाली को समाप्त किया गया। उन्होंने कहा कि भागवत जी ने अपना जीवन समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित कर दिया जिसका एकमात्र उद्देश्य लोगों को एकजुट करके राष्ट्रवादी ताकतों को मजबूत करना था।

हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता

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