जबलपुर, 23 मई (हि.स.)। रांझी थाना क्षेत्र के एक चर्च में विगत दिवस हुए विवाद को लेकर देर रात फिर मामला गरमा गया जब हिंदू संगठन से संबंधित महिलाएं थाने पहुंची एवं संबंधित चर्च के पास्टर के खिलाफ फिर की बात करने लगी। महिलाओं का कहना था कि पास्टर के खिलाफ एफआईआर की जाए। फुल गॉस्पल चर्च में गत 18 मई को हुए विवाद को लेकर दूसरा पक्ष रांझी थाना पहुंचा।
महिलाओं के साथ थाना पहुंची हिंदू महिला नेत्री प्रीति धनधारिया चर्च के पास्टर व अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग पर अड़ गई। मामला न बनता देख सभी महिलाएं रांझी थाना के सामने सड़क पर बैठ गई और नारेबाजी करने लगी। यातायात बाधित होने की स्थिति में पुलिस को मोर्चा संभाला पड़ा। वहीं हंगामे की सूचना पर वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए।
हिंदू संगठन की प्रीति धनधारिया के अनुसार धर्मांतरण की सूचना को लेकर पिछली 18 में को वे चर्च गई थी लेकिन जब वहां मौजूद महिलाओं ने यह कहा कि हम अपनी मर्जी से आए हैं, तो हम सब लौट आए। लेकिन उसके बाद यह पता चला कि रांझी थाना में पास्टर द्वारा हमारे विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है। जबकि चर्च में हम लोगों के साथ अभद्रता हुई थी, उक्त पूरी घटना की वीडियोग्राफी हमारे पास हैं। पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि हमारी ओर से भी एफआईआर दर्ज की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि उक्त घटना के बाद पास्टर ने रांझी थाना पहुंचकर एफआईआर दर्ज करा दी थी। लेकिन गिरफ्तारी नहीं होने के चलते पास्टर फैलोशिप जबलपुर,सिनोड पेंटिकॉस्टल चर्चेस जबलपुर,सर्व ईसाई महासभा जबलपुर और समस्त मसीही समाज ने एसपी कार्यालय पहुंच कर ज्ञापन सौंप अपना विरोध दर्ज कराया था।
हिंदू संगठनों का आरोप है की रांझी थाना क्षेत्र इस समय धर्मांतरण का गढ़ बन चुका है। आए दिन यहां पर धर्मांतरण होता रहता है जिसकी शिकायत बाकायदा की जाती है। परंतु पुलिस का रवैया हिंदू संगठनों के प्रति ठीक नहीं है किसी मामले को लेकर यदि हिंदू संगठन के द्वारा शिकायत की जाती है तो कहा जाता कि मामला जांच में जाएगा.. वहीं दूसरा पक्ष जब थाने पहुंचता है तो उनकी तुरंत एफआईआर हो जाती है। धर्मांतरण के मामलों को लेकर दबी जुवान में लोग एक जनप्रतिनिधि का ना ले रहे हैं। लोगों का आरोप है की पुलिस उनकी नहीं सुनती।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक