वाराणसी,24 मई (हि.स.)। डाक विभाग के वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल (पीएमजी)कर्नल विनोद कुमार ने विभागीय कर्मियों का आह्वान किया कि वे वीर फायटर बने। आग एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है, जिसे पूरी सावधानी से लिया जाना चाहिए। हमें हर जगह कार्यालय और घर में अग्नि सुरक्षा की समीक्षा करनी चाहिए और अच्छी गुणवत्ता वाले अग्निशामक यंत्रों को ऐसे स्थान पर रखना चाहिए, जहां हर कोई देख सके और अत्यावश्यकता पड़ने पर उनका उपयोग कर सके।
कर्नल विनोद शनिवार को प्रधान डाक घर वाराणसी कैंट में आयोजित अग्नि सुरक्षा अभ्यास को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने अभ्यास सत्र में भाग लेते हुए बताया कि आग की खोज से चार मिलियन वर्ष से भी अधिक पहले और उसके बाद आग के नियंत्रित उपयोग ने मानव की जीवनशैली को बदल दिया था । इसके साथ ही जोखिम भी लेकर आया था। गर्मी के दिनों में आग लगने की घटनाएं ज्यादा हो जाती हैं । इसलिए डाक कर्मियों को अग्नि शमन का प्रशिक्षण लेना जरूरी है। अभ्यास सत्र के पहले दौर में फायर स्टेशन ऑफिसर इन्द्रजीत वर्मा ने पीपीटी के माध्यम से आग लग जाने के पश्चात क्या सावधानियां बरती जाये एवं अग्निशमन उपकरणों से कैसे आग को बुझाया जाये, इस बारे में बताया। उन्होंने बताया कि रसोई में लगने वाली आग में खाना पकाने का तेल शामिल होता है, जिसको बुझाने के लिए गीले रासायनिक बुझाने वाले यंत्र का उपयोग करनी चाहिए। धातु जलने वाली आग को बुझाने के लिए सूखे पाउडर के बुझाने वाले यंत्र का उपयोग करना चाहिए। चूँकि सभी आग एक दूसरे से अलग होती हैं, इसलिए उन्हें बुझाने का तरीका भी अलग होना चाहिए। वार्डन, नागरिक सुरक्षा संजय राय ने आपातकालीन स्थिति एवं युद्ध के समय आसमान से हो रहे हमलों से नागरिकों को अपनी सुरक्षा के लिये कदम एवं घायलों की मदद कैसे करें बताया।
क्षेत्रीय कार्यालय के श्री प्रकाश ने जलते सिलेंडर को बुझाकर व्यावहारिक प्रशिक्षण लिया। इसके अलावा सहायक निदेशक एम एम हुसैन ने भी अपना कौशल दिखाया और गीले तौलिये की मदद से आग पर नियंत्रण का तरीका बताया। अग्नि सुरक्षा विभाग ने वाटर कैनन और ड्राई पाउडर वाले सिलेंडर से आग बुझाने के विभिन्न कौशल दिखाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी