आतंकवादियों और उनकी मदद करने वालों के लिए एक जैसी सजा होनी चाहिए- मनोज सिन्हा

श्रीनगर, 25 मई (हि.स.)।उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से अपील की कि वे यह सुनिश्चित करें कि आतंकवादियों की मदद करने वाले और उन्हें बढ़ावा देने वाले तत्वों को समाज से उखाड़ फेंका जाए।

हजरतबल दरगाह में एक गेस्ट हाउस की आधारशिला रखने के बाद सिन्हा ने कहा हमें आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र पर कड़ा प्रहार करने की जरूरत है। आतंकवादियों के मददगारों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें जम्मू-कश्मीर की आत्मा पर घाव करने के लिए आतंकवादियों के समान ही सजा दी जानी चाहिए।

पहलगाम नरसंहार के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादी राज्य पाकिस्तान को दंडित करके हमले का बदला लिया और आतंकवाद के प्रति भारत की शून्य-सहिष्णुता की नीति को मजबूती से लागू किया।

उन्होंने कहा हमारे सशस्त्र बलों के बहादुर जवानों ने न केवल पाकिस्तान के भीतर आतंकी कारखानों को नष्ट किया है बल्कि एक नई लाल रेखा भी खींची है। अब किसी भी आतंकी हमले को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और पाकिस्तान को इसके लिए कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। पहलगाम हमले के बाद सिन्हा ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में जिस तरह के विरोध प्रदर्शन हुए, वे ऐतिहासिक थे। घाटी आतंकवाद के खिलाफ नारों से गूंज उठी। उन्होंने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को बढ़ावा देने और समुदायों में एकता को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक प्रयासों का भी आह्वान किया। मैं जम्मू-कश्मीर में जिम्मेदारी के पदों पर बैठे लोगों से अपील करता हूं कि वे स्थानीय और गैर-स्थानीय जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना बंद करें। हम सभी भारतीय हैं। भारतीयों को स्थानीय और बाहरी लोगों में बांटना बंद करें।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह

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