मुख्य अभियंता व अन्य अधिकारियों के सुचारू विद्युत आपूर्ति के आश्वासन पर समाप्त हुआ धरना
झांसी, 25 मई (हि.स.)। बुन्देलखण्ड बिजली जनआक्रोश आन्दोलन का तीसरा दिन हाथ के पंखे बुंदेलखंडी बिजना के नाम रहा। कोऑर्डिनेटर और संचालन कर्ता डा. सुनील तिवारी ने बिजना ले लो, बिजली दे दो – नारा लगा कर धरना प्रारम्भ करवाया। डा. सुनील तिवारी ने कहा हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे हैं और बाइसवीं सदी में जाने के लिए उत्साहित हैं लेकिन सरकार हमको सोलहवीं सदी के हालातों में चाहती है कि ज़िन्दगी गुज़ारें। सम्पूर्ण धरने के दौरान धरना स्थल पर लोग बिजना हिला-हिला कर स्वयं और दूसरों को हवा करते रहे।
पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि बिजली हमारी लाइफ लाइन है। हम सवैंधानिक हक की बात करते हैं। यहां 3000 मेगावाट बिजली बन रही है और हम बिजली के लिये तरस रहे हैं। सबसे ज़रूरी बात ये है कि बुन्देलखण्ड में बिजली की त्राहि-त्राहि मची हुयी है। प्रशासन समझने को तैयार नहीं है। झांसी में तो एक महत्वपूर्ण इकाई मेडिकल कॉलेज है। मेडिकल कॉलेज में दूर दूर से दुर्घटना में घायल मरीज़ और बीमार लोग आते है। जहां वो अपनी ज़िन्दगी और मौत से जूझते हैं। यहां बिजली की कितनी अधिक आवश्यकता है ये बात समझने को सरकार तैयार नहीं है। बुन्देलखण्ड में बनने वाली बिजली पहले बुन्देलखण्ड को दी जाय उसके बाद बचे तो कहीं भी दी जाए। वास्तव में कार्यवाही मुख्य अभियन्ता के खिलाफ नहीं होना चाहिए बल्कि उत्तर प्रदेश के विद्युत मंत्री के खिलाफ कार्यवाही होना चाहिए। स्मार्ट सिटी के नाम पर अरबों रूपया खा गये।
धरने के दौरान एनएसयूआई की राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली विश्वविद्यालय की अध्यक्ष राशि साहू, शहर अध्यक्ष मनोज गुप्ता,एड. राजेन्द्र शर्मा, अखिलेश गुरूदेव, मार्गश्री संस्था के ध्रुव सिंह, अजय पुरवार, सपा के चन्द्र प्रकाश मिश्रा, न्याय अधिकार के बीएल भास्कर, एड अफजाल, युथप सर्राफ पिंकी, शैलेन्द्र वर्मा, घनश्याम दास झा, प्रजाशक्ति पार्टी के पंकज रावत, चौधरी परवेज, पार्षद आशीष रायकवार, आशीष तिवारी, लखन लाल बाल्मिकी, प्रकाश नारायण सेनी ने अपने ओजस्वी भाषण में सुचारू बिजली आपूर्ति जनता को दिए जाने की बात कही और भरपूर बिजली आपूर्ति की मांग दोहरायी।
अपने वक्तव्य में पूर्व जिलाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह पारीछा ने कहा कि उनकी कालोनी में बिजली की आपूर्ति बिगड जाने से पूरी कालोनी वासियों को केम्पर से पानी उपलब्ध कराना पड़ा।
आप के शहर अध्यक्ष गयादीन कुशवाहा ने कहा कि जनता से वोट लेकर जनता को परेशान किया जा रहा है।
प्रजाशक्ति पार्टी के पंकज रावत ने कहा कि बिजली की कीमत दो रूपये पचास पैसे है लेकिन हमें मंहगी बिजली दी जा रही है। हम से चार गुना कीमत वसूली जा रही है। चौधरी परवेज ने कहा कि बिजली की इस समस्या के लिए अधिकारी जिम्मेदार हैं या सरकार हम को ये बताया जाए। पार्षद आशीष रायकवार ने कहा कि हम जनता के लिए इसी तरह आन्दोलन करते रहेंगे। युथप जैन पिंकी ने कहा कि कागजों में बिजली चौबीस घण्टे दी जा रही है।
आशीष तिवारी ने कहा सांसद और विधायक बस पत्र लिख कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं। एड राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि बुन्देलखण्ड जैसी गर्मी कहीं नहीं पड़ती इसलिये यहां बिजली की ज्यादा ज़रूरत है। बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा के केन्द्रीय प्रवक्ता रघुराज शर्मा ने वार्ता के दौरान कहा कि यदि अब बिजली की सुचारू आपूर्ति नहीं की गयी तो अधिकारियों के बंगलों पर उनके बंगलों की बिजली काट कर धरना दिया जायेगा।
मुख्य अभियन्ता विद्युत, सीओ सिटी, एसएचओ नवाबाद धरना स्थल पर उपस्थित हुए एवं मुख्य अभियन्ता ने सभी को आश्वस्त किया कि समस्त बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी तन मन से शासनादेश अनुसार पूरे मनोयोग से विद्युत आपूर्ति करेंगे। इस आश्वासन के बाद पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री ने कहा कि मुख्य अभियन्ता की ओर से आश्वासन दिए जाने के कारण कि विद्युत आपूर्ति पूरे मनोयोग से करेंगे इसलिये इस धरने को सर्वसम्मति से एक सप्ताह के लिए स्थगित किया जा रहा है। यदि विद्युत आपूर्ति व्यवस्था संतोष जनक नहीं की गयी तो हम फिर सम्पूर्ण बुन्देलखण्ड की बिजली आपूर्ति सुधारने के लिए आन्दोलन करेंगे और संघर्ष का रास्ता अपनायेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया