कर्नल जाहिद की पुस्तक हजार रूमानी अशार का विमोचन

कर्नल जाहिद की पुस्तक हजार रूमानी अशार का विमोचन

हमीरपुर 27 मई (हि.स.)। मंगलवार को मौदहा क्षेत्र के जाने माने समाज सेवी और सेना के नाम अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण कालखंड गुजारने वाले सेवानिवृत्त कर्नल जाहिद की पुस्तक का विमोचन किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने उनकी शायरी की सराहना की।

उर्दू साहित्य महत्वपूर्ण शायर दाग देहलवी की जन्म शताब्दी के मौके पर लखनऊ में एक मुशायरे का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि पूर्व पुलिस महानिदेशक रिजवान अहमद रहे। इस दौरान सेना से सेवानिवृत्त कर्नल जाहिद सिददीकी की किताब हजार रुमानी अशार का भी विमोचन किया गया।

बताते चलें कि कर्नल जाहिद की किताब में बीते तीन शताब्दी के महत्वपूर्ण शायरों के साथ स्वयं लिखे गए एक हजार शेरों का संकलन है। जिसके चलते किताब का नामकरण भी हजार रूमानी अशार किया गया है। कर्नल जाहिद सिददीकी हमीरपुर जनपद के मौदहा कस्बे से सम्बंधित हैं और उर्दू इन्हें विरासत में मिली थी जिसके चलते सेना में रहते हुए भी इन्होने उर्दू साहित्य की सेवा करने के लिए समय निकाल लिया करते थे। हालांकि बीते साल कस्बे के रहमानिया कालेज के शिक्षक स्व.मशरूर अहमद की किताब जखमो की काश्त का भी विमोचन किया गया था जिसे लोगों ने जमकर सराहा था।

इस दौरान शायर जाहिद सिददीकी ने दाग की तारीफ करते हुए बताया कि दाग देहली में पैदा जरूर हुए थे, लेकिन उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा रामपुर, दक्कन सहित अन्य उर्दू के मरकजों में गुजारा। जिसके चलते उनकी शायरी की जबान किसी एक क्षेत्र की न होकर खालिस हिंदुस्तानी है और दाग ने उर्दू की हर सिन्फ में हाथ आजमाए। मगर उनको शोहरत सिर्फ गजल के क्षेत्र में मिली जबकि उनकी मसनवी भी अच्छी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा

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